डेंगू और चिकुनगुनिया के चलते नर्सों की हड़ताल लगा एस्मा

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने नर्सों की हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए आज एस्मा लगा दिया. नर्सों की हड़ताल से सरकार संचालित अस्पतालों में कामकाज ऐसे समय बुरी तरह प्रभावित हुआ है जब शहर डेंगू और चिकुनगुनिया के बढ़ते मामलों की चपेट में है.

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, उपराज्यपाल ने आंदोलनरत नर्सों के खिलाफ एस्मा लगाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.’’ आवश्यक सेवा रखरखाव कानून (एस्मा) सरकार को किसी हड़ताल को जनहित में अवैध घोषित करने की अनुमति देता है.

दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न अस्पतालों की करीब 20 हजार नर्स अपने वेतन और भत्तों से जुड़े मुद्दों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

मच्छर जनित बीमारियों से पीड़ित रोगियों से भरे दिल्ली के सभी बड़े अस्पतालों ने संबंधित नर्स संगठनों से किसी समाधान तक पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन यह व्यर्थ रहा.
अखिल भारतीय सरकारी नर्स महासंघ के प्रवक्ता लीलाधर रामचंदानी ने कहा था, हम सरकार के जवाब से खुश नहीं हैं. इसलिए हम प्रस्तावित हड़ताल पर आगे बढ़ेंगे, लेकिन हम आपातकालीन और गंभीर मामलों में काम करेंगे.’’ सफदरजंग अस्पताल से जुलाई में डेंगू से तीन लोगों की मौत की खबर है. इस अस्पताल में 1,100 नर्स हैं, जिनमें से 160 नर्स अनुबंध पर हैं. अस्पताल में 29 अगस्त तक डेंगू के 263 और चिकुनगुनिया के लगभग 250 मामले सामने आ चुके हैं.

दिल्ली में डेंगू से इस साल आठ लोगों के मरने की खबर है. निगम अधिकारियों ने इस तरह की केवल दो मौतों की बात कही है. इस मौसम में दिल्ली में डेंगू के कम से कम 487 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 368 मामले पिछले महीने सामने आए हैं.

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