डीडी किसान चैनल में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह सक्रिय

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dd-kishan-logoदेहरादून:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट डीडी किसान चैनल में नौकरी के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। डीडी किसान चैनल में नियुक्ति के नाम पर बेरोजगार युवकों को झांसा देकर उनसे रुपये मांगे जा रहे हैं। ऐसा ही एक नियुक्ति पत्र देहरादून के पंडितवाड़ी में रहने वाले गुरप्रीत सिंह के पास आया है। इसमें चैनल के लोगो के साथ प्रधानमंत्री की फोटो लगी है और 32,500 रुपये मासिक वेतन दिए जाने का भी उल्लेख है। हालांकि इस में एक शर्त भी दी हुई है कि नियुक्ति से पहले प्रशिक्षण शुल्क एवं सिक्योरिटी राशि के रूप में 11,500 रुपये बैंक खाते में जमा करने होंगे। इसी से इसके जाली होने का संदेह गहरा हो रहा है। पंडितवाड़ी निवासी एसएस संधू को शक तब गहराया जब बेटे गुरप्रीत सिंह ने उनसे कहा कि मैंने तो किसान चैनल में आवेदन किया ही नहीं। इस पर उन्होंने छानबीन करने के लिए दिए हुए फोन नंबर 08527013648 पर फोन किया तो उधर से बताया गया कि दिल्ली दूरदर्शन से बोल रहा हूं। लेकिन पूछताछ शुरू करते ही फोन काट दिया। संधू बताते हैं किअगले दिन दोबारा फोन किया तो फोन उठाने वाले शख्स से रुपये जमा करने के लिए खाता नंबर समेत तमाम सवाल किए गए तो पहले वह टालमटोल करने लगा, बाद में बोला पैसे जमा करने की तारीख निकल गई है। अब कुछ नहीं हो सकता। संचार माध्यम से ठगों का यह गिरोह रिक्रूटमेंट करने वाले वेबसाइट से बेरोजगार युवाओं की डिटेल चुराता है। बाद में उनसे संपर्क करके ऑनलाइन आवेदन मांगा जाता है। आवेदन के बाद परीक्षा या साक्षात्कार के बजाय सीधे नियुक्ति पत्र युवकों के घर के पते पर भेज दिया जाता है। नियुक्ति पत्र पर दर्ज फोन नंबर पर संपर्क करने की बात लिखी होती है और फोन करते ही नौकरी के लिए प्रशिक्षण एवं जमानत राशि के रूप में 11,500 रुपये मांगे जाते हैं। कई लोग बिना साक्षात्कार नौकरी के लालच में आ कर पैसा जमा भी करवा चुके हैं। इस तरह के फर्जीवाड़े पर आकाशवाणी न्यूज के एक दशक तक उत्तराखंड हेड रहे प्रकाश थपलियाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास भी एक युवक जानकारी के लिए आया था। उन्होंने देखा तो नियुक्ति पत्र में 10 गलतियां थीं, यहां तक कि प्रसार भारती की स्पेलिंग भी गलत लिखी थी। इस पर युवक से कहा कि ऐसे झांसे में ना आए और सीधे पुलिस के पास जाएं। वहीं दूरदर्शन देहरादून के रिटायर्ड असिस्टेंट डायरेक्टर पीएस रावत ने कहा कि उनके कार्यकाल में भी कई मामले ऐसे आए और उन्होंने भी युवकों को पुलिस में जाने की सलाह दी। दूरदर्शन के सीनियर कैमरामैन ओमप्रकाश जमलोकी का कहना है कि युवक फेक कॉल और फर्जी वेबसाइट के झांसे में न आएं।
लोग इस तरह के विज्ञापन और जालसाजों के झांसे में न आएं। दूरदर्शन केंद्र में कोई भी नियुक्ति तरह नहीं होती। किसी भी पद पर बहाली की सूचना सभी अखबारों में प्रकाशित करने के साथ दूरदर्शन की अपनी वेबसाइट पर दी जाती है। साथ ही किसान चैनल पर भी लगातार इससे संबंधित सूचना चलती रहती हैं। कोई इस तरह आवेदन मंगवाता है और पैसे की मांग करता है तो इसकी शिकायत पुलिस में तत्काल करें।
– शरणजीत कौर, असिस्टेंट डायरेक्टर, दूरदर्शन देहरादून

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