बड़ी खबर : प्रदेश का सबसे बड़ा महाविद्यायल डीएवी पीजी काॅलेज छात्र राजनीती से लेकर छात्रों की कामयाबी के लिए मशहूर है। प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर राजनेता तक सब इस काॅलेज की ही देन है। लेकिन काॅलेज के शिक्षकों की घिनौनी करतूत की वजह से आज कल डीएवी कालेज बदनामी हो रही है शिक्षकों ने ऐसी करतूत कर डाली जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकतेे है।
दरअसल शिक्षक के नाम पर प्रश्नचिन्ह खडे करने वाले डीएवी कालेज के शिक्षकों ने वर्ष 2009 से 2014 तक अनुसूचित जाति के छात्रों के हिस्से के पूरे 2 करोड 36 लाख का गबन किया है। डीएवी के वर्तमान प्राचार्य डाॅ देवेंद्र भसीन की तहरीर के बाद पुलिस ने डीएवी के पूर्व प्राचार्य डाॅ दिनेश कुमार, डाॅ रंजना रावत, छात्रवृति प्रभारी पीयूश भटनागर, आरके सिंह सहित कई कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी पैसे के गबन धोखाधडी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पूरा मामला है क्या है हम आपको बताते है 2011 में डीएवी पीजी काॅलेज में डाॅ देवेंद्र भसीन ने प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया था। करीब तीन साल बाद प्राचार्य भसीन को काॅलेज में अनुसूचित छात्रों की दी जाने वाली छात्रवृति में गडबड़ी का अंदेशा हुआ। उन्होंने अपने स्तर से जांच कराई तो कुछ हद तक बात पकड में आ गई। प्राचार्य डा भसीन ने डीएवी के मैनेजमेंट को पूरी जानकारी दी तो यही बाते आॅडिट में बात सामने आ गई।
इस बीच साल 2015 में एक 10 लाख का चैक खाते में जमा होने के लिए आ गया। डाॅ भसीन ने इस चैक की तह तक जाने की कोशिश की तो पता चला कि बेहद शातिर तरीके से कुछ प्रोफेसरों का देहरादून के जीएमएस रोड स्थित देना बैंक एक फर्जी खाता खुलवाया है। इस खाते की जांच की गई तो पूरे 2 करोड 33 लाख की गडबडी सामने आ गई। डीएवी पीजी काॅलेज के प्राचार्य डाॅ देवेंद्र भसीन ने बताया कि इस मामले में जिन्होंने भी गरीब बच्चों का पैसा खाया है उन्हें जेल जाना ही पडेगा।