देहरादून। अब आपका हकलाना, तुतलाना बंद हो जाएगा। इसका सफल इलाज है एक्यूप्रेशर चिकित्सा में। उपर दिए इस चित्र में दिए गए एक्यूप्रेशर बिन्दु के अनुसार रोगी के शरीर पर दबाव (अपने हाथ के अंगूठे या पैन से चित्र में दिखाए गए हाथ के अंगूठे, हथेली, पैर के अंगूठे और पगथली, और गर्दन के पीछे के पॉइंट पर 10-15 सेकंड के लिए दबावे फिर छोड़े लगभग 10-15 मिनट, यह रोजाना दोहराये) इससे हकलाना, तुतलाना या रुक-रुक कर बोलना ठीक होता है। इसके लिए किसी अच्छे एक्यूप्रेशर चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि एक्यूप्रेशर चिकित्सक को सही दबाव देने का अनुभव होता है।
जिन व्यक्ति को हकलाने की समस्या होती है वह कुछ अक्षरों पर अटक जाते है जैसे स, प, ब, ट, ड, ग ,ह, क आदि इनका उच्चारण सही ढंग से नहीं कर पाते, जिसके कारण शब्दों को बोलने में हकलाना, तुतलाना जैसी परेशानी होने लगती है। वह व्यक्ति इन घरेेलूू उपाय को अवस्य करे।
इन घरेेलूू उपाय से आप पा सकते है हकलाने/तुतलाने जैसी परेशानी से झुटकारा
इलायची : छोटी इलायची,अकरकरा, वच तथा लौंग सभी का चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण को आधा चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम, 3-4 महीने तक लगातार भोजन करने के आधे घंटे बाद लेने से हकलाहट और तुतलाहट में लाभ मिलता है।
छुहारा : वैसे तो छुहारा के बहुत फायदे होते है लेकिन सबसे ज्यादा लाभ ये आवाज को साफ़ करने में करता है। रोजाना रात को सोते समय 1 छुहारे को दूध में डालकर उबालकर पी लें। इसको पीने के 1 घंटे बाद तक पानी न पीयें। हकलाहटऔर तुतलाहट में लाभ मिलता है और साथ ही आवाज भी साफ़ हो जाती है।
बादाम : 8 से 10 बादाम को रोजाना रात को सोने से पहले पानी में भिगोकर रखें। सुबह उठते ही छिलका छीलकर इसकी गिरी को पीस लें और इसमें 20 से 25 ग्राम मक्खन को मिलाकर खा ले । तुतलापन ठीक हो जाता है कुछ ही महीनो में।
दालचीनी : दालचीनी को रोजाना सुबह-शाम चबाने से हकलापन और तुतलापन ठीक हो जाता है।
सौंफ : 10 ग्राम सौंफ को हल्का मोटा पीस के 400 मिलीलीटर पानी में अच्छे से 100 मिलीलीटर पानी बच जाने तक उबाल लें। फिर इसमें 40 ग्राम मिश्री और 250 मिलीलीटर दूध मिलाकर रोजाना सोने से पहले पीयें। हकलापन ठीक हो जाता है।
धनिया : धनिया और अमलतास को बारीक पीसकर रखें। इसके बाद इसे पानी के साथ मिलाकर लगातार 22 दिन तक कुल्ला करें। इससे जीभ पतली हो जाती है और हकलापन/तुतलापन ठीक हो जाता है।
कलौंजी : एक चम्मच कलौंजी के तेल को दो चम्मच शहद डालकरमिलाये इस लेप को काम से काम दिन में 2 या 3 बार जीभ पर लगायें। जीभ पतली हो जाती है और हकलापन/तुतलापन भी ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च : 4 या 5 कालीमिर्च के दाने और 7 से 8 बादाम की गिरी को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में मिश्री मिलाकर रोज सुबह खाली पेट सेवन करे हकलापन ठीक हो जाता है।
घी : मिश्री के साथ 4 से 5 ग्राम घी को मिलाकर सुबह-शाम चाटकर खायें। लगातार कुछ महीनों तक इसका सेवन करने से हकलाना बंद हो जाता है।
तेजपत्ता : जिनको रुक-रुक कर बोलना या हकलाने की परेशानी उन व्यक्ति को तेजपत्ता जीभ के नीचे रखने से बहुत लाभ मिलता है और हकलापन तथा रुक-रुककर बोलना दूर हो जाता है।
आंवला : काम से काम दो आंवला रोजाना कुछ दिनों तक चबाने से जीभ पतली और आवाज साफ होती है साथ ही उनका हकलापन और तुतलापन भी दूर हो जाता है।
फिटकरी : रोजाना रात को सोते समय मूंग की दाल के बराबर फिटकरी का एक टुकड़ा मुंह में रखकर सो जाये ऐसा करने से हकलापन ठीक हो जाता है। कुछ महीनों तक इसका प्रयोग अवस्य करे।