ॐ मंत्र से तो हम सभी परिचित हैं, हिन्दुओ का सबसे पवित्र शब्द ॐ मन गया है , लेकिन क्या इसके लाभ भी जानते हैं? हैरानी वाली बात है कि आप अपनी जीभ हिलाये बिना ॐ का उच्चारण कर सकते हैं । ॐ के तीन तत्व हैं अ, उ और म , जिन्हें वेद से लिया गया है। यह तीन वर्ण परम ब्रह्म को दर्शाते हैं।अगर आप ॐ ध्वनि की प्रकृति पर ध्यान दें तो आपको पता चलेगा कि यह तभी उत्पन्न होती है जब कोई दो वस्तुएँ आपस में टकराती हैं। उदाहरण के लिए – धनुष और प्रत्यंचा, ढोलक और हाथ।ॐ मंत्र के उच्चारण के लाभ
ॐ का ओ; अ और उ से मिलकर बनता है। यह ध्वनि वक्ष पिंजर को कंपित करती है, जो हमारे फेफड़े में भरी हवा के साथ सम्पर्क में आता है जिससे ऐलवीलस की मेम्ब्रेन की कंपन करने लगती है। यह प्रक्रिया फेफड़े की कोशिकाओं _ Pulmonary Cells को उत्तेजित करती है, जिससे फेफड़े में श्वास उचित मात्रा में आती जाती रहती है। नई रिसर्च से यह भी सामने आया है कि यह कंपन अंत: स्रावी ग्रंथियों को प्रभावित करता है, जिससे चिकित्सा में इसका अद्भुत महत्व है। अउ की ध्वनि से विशेषकर पेट के अंगों और वक्ष पिंजर को आंतरिक मसाज मिलता है, जबकि म के कंपन से हमारे कपाल की नसों में कंपन होता है।
1. नियमित ॐ का मनन करने से पूरे शरीर को विश्राम मिलता है और हार्मोन तंत्र नियंत्रित होता है
2. ॐ के अतिरिक्त चिंता और क्रोध पर नियंत्रण पाने का इससे सरल मार्ग दूसरा नहीं है
3. ॐ का उच्चारण प्रदूषित वातावरण में यह पूरे शरीर को विष मुक्त करता है
4. ॐ के उच्चारण से यौवन और चेहरे पर कांति आती है
5. अनिद्रा रोग से छुटकारा पाने में ॐ का बहुत महत्व है। सोते समय इसका नियमित मनन करें।
6. थोड़े से प्रयास में ॐ की शक्ति आपके फेफड़ों और श्वसन तंत्र को सुदृढ़ बनाना है।
ॐ मंत्र के मनोवैज्ञानिक चिकित्सा में लाभ
1. ॐ की शक्ति आपको दुनिया का सामना करने की शक्ति देती है।
2. ॐ का नियमित मनन करने से आप क्रोध और हताशा से बचे रहते हैं।
3. ॐ की गूंज आपको स्वयं को नियंत्रित करने में सक्षम बनाती है। आप स्वयं में नया उत्साह महसूस करते हैं।
4. आप अपने जीवन के उद्देश्य और उसकी प्राप्ति की ओर अग्रसर होते हैं और आपके चेहरे पर मुस्कान बनी रहती है।
ऐसे करें उच्चारण
1. शांत स्थान पर आरामदायक स्थिति में बैठिए।
2. आंखें बंद करके शरीर और नसों में ढीला छोड़िए।
3. कुछ लम्बी सांसें लीजिए।
4. ॐ मंत्र का जाप करिए और इसके कंपन महसूस कीजिए।
5. आराम महसूस होने तक ॐ मंत्र का जाप करते रहिए।
6. चित्त के पूरी तरह शांत होने पर अपनी आंखें खोलिए।