हैंगजाऊ: चीन में आतंकवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमकर बरसे और पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद के प्रायोजकों और समर्थकों को अलग-थलग करना है ज़रूरी. ये चेतावनी भी दी कि आतंकवाद के खिलाफ तमाम देश एकजुट नहीं हुए तो व्यापार और निवेश सब चौपट हो जाएगा. मोदी चीन में जी-20 देशों के सम्मेलन के लिए पहुंचे हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के हैंगज़ाऊ में BRICS देशों के नेताओं की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे को ज़ोरदार तरीके से उठाया. प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उसके आतंकवाद समर्थक रवैये पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने और बढ़ावा देने वालों को अलग-थलग करना बेहद ज़रूरी है.
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकियों के पास बैंक और हथियारों के कारखाने नहीं होते, ज़ाहिर है कि फंड और हथियार उन्हें कहीं और से मिलते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को दुनिया भर में अस्थिरता की सबसे बड़ी वजह बताते हुए चेतावनी दी कि अगर सभी देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट नहीं हुए तो निवेश और व्यापार सब चौपट हो जाएंगे. उन्होंने आतंकवाद समर्थक सोच को फैलाने में सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल पर भी चिंता ज़ाहिर की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आतंकवाद पर प्रधानमंत्री मोदी के इस क़ड़े रुख की जानकारी मीडिया को दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आंतकवाद समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर BRICS समूह एक असरदार भूमिका निभा सकता है.
आपको बता दें कि BRICS पांच देशों का समूह है, जिसमें भारत के अलावा रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भी आतंकवाद के मुद्दे पर बात की.
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से बातचीत के दौरान NSG यानी न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता का मुद्दा भी उठाया और चीन से अपने रुख पर फिर से विचार करने को कहा. चीन NSG में भारत की सदस्यता का विरोध करता रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के मुद्दे पर भारत की चिंताएं भी शी जिनपिंग के सामने रखीं.
एम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल से द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता बढ़ाने पर ज़ोर दिया. उन्होंने NSG के मुद्दे पर भारत के समर्थन के लिए ऑस्ट्रेलिया को धन्यवाद भी दिया. BRICS देशों का शीर्ष सम्मेलन 15-16 अक्टूबर को भारत के गोवा में होने जा रहा है.
ब्रिक्स नेताओं के साथ सार्थक बातचीत हुई- पीएम मोदी
इससे पहले पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. उन्होंने इस दौरान कहा कि ब्रिक्स देशों से संबंधित मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई. मोदी ने ट्वीट कर कहा, “ब्रिक्स नेताओं के साथ सार्थक बातचीत हुई. अगले महीने गोवा में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उन्हें आमंत्रित किया.”
मोदी ने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री टर्नबुल से मिलकर खुश हूं. हमने भारत-आस्ट्रेलिया संबंधों के विभिन्न पहलुओं और उसे मजबूत बनाने के तरीके पर चर्चा की.”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात अच्छी रही.”
चीन भी भारत और अमेरिका के करीबी संबंधों और हाल ही में दोनों देशों के बीच किए गए साजो सामान संबंधी सैन्य समझौते (एलईएमओए) को लेकर चिंतित रहा है. यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को आपूर्ति एवं मरम्मत के लिए एक दूसरे के प्रतिष्ठानों तक पहुंच बनाने का अधिकार देता है. बैठक के बाद दोनों नेता जी 20 सम्मेलन से पहले ब्रिक्स के नेताओं की बैठक में शिरकत करेंगे. इस बैठक में जी 20 के लिए उनकी रणनीति तय की जाएगी.
मोदी हनोई में अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी करके कल रात को हैंगजाऊ पहुंचे थे. वह अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष मैलकॉम टर्नबुल और सउदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. वह यहां शुरू होने वाले दो दिवसीय जी 20 सम्मेलन में शिरकत करेंगे. इस सम्मेलन का मूल विषय ‘‘विकास के लिए नीति समन्वय मजबूत करना और एक नया रास्ता तलाशना’’ है.
मोदी जी 20 के दूसरे एवं अंतिम सत्र में हिस्सा लेंगे और ब्रितानी प्रधानमंत्री टेरेसा मे एवं अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरिसियो मैक्री से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना होंगे.