
लंदन. अगले एक हजार सालों तक मानव सभ्यता धरती पर नहीं रह पाएगी। जिंदा रहने के लिए इंसान को कोई दूसरा ग्रह ढूंढना पड़ेगा। मशहूर साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग ने ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेटिंग सोसाइटी में स्पीच देते हुए ये बात कही।
– 74 वर्षीय प्रो. हॉकिंग के हवाले से द डेली एक्सप्रेस ने कहा कि इंसान यूनिवर्स का एक छोटा-सा हिस्सा है, मगर यह गर्व की बात है कि वह इसे इतने करीब से समझ सका है।
– “मुझे नहीं लगता कि हम धरती पर अगले एक एक हजार साल तक सर्वाइव कर पाएंगे। हमें किसी दूसरे ग्रह पर जाना होगा।”
– उन्होंने कहा कि हमारा ग्रह इतना कमजोर हो चुका है कि आने वाले एक हजार साल के बाद वह जीवन को संभालने में सक्षम नहीं होगा। अगली सदी में धरती पर लोगों को क्लाइमेट चेंज और न्यूक्लियर टेररिज्म से निपटना होगा।
– हॉकिंग ने अपनी स्पीच में यूनिवर्स, आइंस्टीन की थ्योरी, मिथ्स और ईश्वर की भी बात की।
– “मुझे नहीं लगता कि हम धरती पर अगले एक एक हजार साल तक सर्वाइव कर पाएंगे। हमें किसी दूसरे ग्रह पर जाना होगा।”
– उन्होंने कहा कि हमारा ग्रह इतना कमजोर हो चुका है कि आने वाले एक हजार साल के बाद वह जीवन को संभालने में सक्षम नहीं होगा। अगली सदी में धरती पर लोगों को क्लाइमेट चेंज और न्यूक्लियर टेररिज्म से निपटना होगा।
– हॉकिंग ने अपनी स्पीच में यूनिवर्स, आइंस्टीन की थ्योरी, मिथ्स और ईश्वर की भी बात की।