एसटीडी यानि सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually transmitted disease) . किसी यौन रोग से ग्रसित व्यक्ति के साथ शारीरिक सम्बंध बनाने पर यौन रोगों के वायरस इंफेक्टेड व्यक्ति से उसके संपर्क वाले व्यक्ति में चले जाते हैं, ऐसे ऐसा एसटीडी हो सकती है.
अगर इस तरह के रोगों के पीड़ित व्यक्ति में बीमारी का पता समय से ना लगाए जाए पाने की स्थिति में STD व्यक्ति के यौन अंगों से उसके दिल, किडनी, लीवर, लंग्स और दूसरे सभी अंगों को प्रभावित करता है जिससे सभी अंग काम करना बंद कर देते हैं और ग्रसित व्यक्ति की जान जा सकती है.
यौन रोग उन लोगों में जल्दी होने की संभावना होती है
1. एक से अधिक लोगों के साथ बिना किसी सुरक्षा के शारीरिक सम्बंध बनाते हैं.
2. किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक सम्बंध बनाना जिसके कई दूसरे लोगों के साथ सम्बंध हों या रह चुके हों.
3. किसी प्रयोग हो चुके इंजेक्शन का फिर से प्रयोग करने पर.
4. किसी अप्राकृतिक तरीके से यौनाचार करने पर.
लक्षण
1. यूरीन करते समय दर्द होना और पस आदि का साथ में बाहर आना.
2. शुरुआती अवस्था में शरीर में जलन, खुजली आदि का होना. थकान, गले में खराश, सूजन और सिरदर्द आदि की शिकायत रहना.
3. भूख ना लगना, बुखार, जलन, ज्वाइंट पेन और उल्टी आदि का होना.
4. जननांगों में सूजन, जलन और दर्द आदि का होना.
कैसे करें बचाव
1. एक ही व्यक्ति या साथी के साथ शारीरिक सम्बंध बनाएं.
2. सम्बंध बनाते समय सुरक्षा सम्बंधी वस्तुओं का प्रयोग कर सकते हैं.
3. हमेशा प्राकृतिक तरीके से ही शारीरिक सम्बंध बनाएं.
4. रेग्यूलर चेकअप जरूर करवाएं.