जानिए हाथ की चार महत्वपूर्ण रेखाओ के राज़ |

हाथो की लकीरो में कई राज छुपे होते है जिसे समझ पाना हर किसे के बस में नही है| सबके हाथो की रेखाएं अलग अलग होती है| परंतु कुछ रेखाएं ऐसी भी है जो ह्यूमेन सबके हाथो में देखी होंगी, जैसे आयु की रेखा और भाग्य की रेखा| आईये जानते है की किस रेखा के होने से आप भाग्यशाली हो सकते है|

हृदय रेखा प्रचलित परम्पराओं के अनुसार, इस रेखा को किसी भी दिशा से पढ़ा जा सकता है कनिष्ठिका से तर्जनी की ओर अथवा विपरीतक्रम से। विश्वास किया जाता है कि यह रेखा भावनात्मक स्थिरता, रूमानी दृष्टिकोण, विषाद एवं हृदय के स्वास्थ्य की द्योतक होती है।

मस्तिष्क रेखा यह विद्वत्ता, सम्प्रेषण पद्धति, बौद्धिकता एवं ज्ञानपिपासा की द्योतक होती है। वक्र रेखा सृजनात्मकता एवं स्वच्छंदता से सम्बद्ध होती है, जबकि एक सीधी रेखा व्यावहारिकता एवं सधे हुये दृष्टिकोण को दर्शाती मानी जाती है।

जीवन रेखा  यह अंगूठे के निकट से शुरू होती है और धनुषाकार हो कर कलाई तक जाती है। यह शारीरिक स्वास्थ्य, सामान्य डील डौल तथा जीवन के महत्वपूर्ण परिवर्तनों (जैसे प्रलयंकारी घटनाओं, शारीरिक चोटों एवं स्थान परिवर्तन) को प्रतिबिम्बित करती है। इसकी लंबाई, आयु से सम्बद्ध नहीं है।

भाग्य रेखा यह नियति रेखा भी कहलाती है और यह इंगित करती है कि किसी व्यक्ति का जीवन उसके नियंत्रण के बाहर की परिस्थितियों से किस हद तक प्रभावित होता है। यह हथेली के मूल से शुरू होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here