जानिए कछुए वाली अंगूठी का रहस्य!

ज्योतिषीयो की सलाह से हम लोग हाथ में रत्नों वाली अंगूठी, ब्रेसलेट या गले की चेन में रत्नों को मढ़वाकर पहनते हैं। लेकिन आजकल रत्नों के अलावा भी कई तरह की अंगूठियां लोगों के हाथों में देखी जा रही हैं जिसमें से एक है ‘कछुए वाली अंगूठी’। दरअसल कछुए वाली अंगूठी को वास्तुशास्त्र के भीतर शुभ माना गया है। यह अंगूठी व्यक्ति के जीवन के कई दोषों को शांत करने का काम करती है। लेकिन यदि सबसे अधिक वजह यह कि इसे पहने से‘आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है

दरअसल शास्त्रों के अनुसार कछुआ जो कि जल में रहता है, यह सकारात्मकता और उन्नति का प्रतीक माना गया है। यही कछुआ भगवान विष्णु का भी अवतार भी माना जाता है। समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार कछुआ समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था और साथ ही देवी लक्ष्मी भी वहीं से आईं थीं। यही कारण है कि वास्तु शास्त्र में कछुए को इतना महत्व प्रदान किया जाता है। कछुए को देवी लक्ष्मी के साथ जोड़कर धन बढ़ाने वाला माना गया है।
 इसके अलावा यह जीव धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का भी प्रतीक है। तो यदि इतने सारे लाभ पाने के लिए आप भी कछुए वाली अंगूठी पहनने का विचार बना रहे हैं तो पहले आपको इससे जुड़ी कुछ सावधानिया बरतनी जरुरी है। ताकि यह अंगूठी किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव ना दे सके। वास्तु शास्त्र के अनुसार कछुए वाली अंगूठी सामान्यत: चांदी से ही बनी हो। यदि आप किसी दूसरी धातु का प्रयोग करना चाहें जैसे कि सोना या कोई अन्य रत्न, तो कछुए के आकार को चांदी में बनवाकर उसके ऊपर सोने का डिजाइन या रत्न को जड़वा सकते हैं।
ध्यान रखें कि इस अंगूठी को इस तरह बनवाएं की कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले व्यक्ति की ओर आना चाहिए। कछुए का मुख बाहर की ओर होगा तो धन आने की बजाए हाथ से चला जाएगा। इस अंगूठी को सीधे हाथ में ही पहना जाता है। सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी अंगुली में इसे पहनें। कछुए को मां लक्ष्मी के साथ जोड़ा गया है इसलिए इसे धारण करने का दिन भी शुक्रवार ही है, जो कि धन की देवी को प्रसन्न करने का दिन माना जाता है।
शुक्रवार के दिन ही इस अंगूठी को खरीदें और घर लाकर लक्ष्मी जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने कुछ देर रख दें। फिर इसे दूध और पानी के मिश्रण से धोएं और अंत में अगरबत्ती कर पहन लें। यदि आप चाहें तो इस दौरान मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का निरंतर जाप भी कर सकते हैं। रिंग पहनने के बाद इसे अधिक घुमाना सही नहीं है। यदि आप इसे घुमाए रहेंगे तो उसके साथ कछुए का सिर भी अपनी दिशा बदलेगा जो कि आने वाले धन में रुकावट ला सकता है।

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