देहरादून; बीते रोज पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के ट्विटर पर ट्वीट से सूबे की सियासत अचानक से गरमा गई। दरअसल खंडूड़ी ने अपने ट्वीट में जो दर्द बया किया उससे लग रहा था कि खंडूड़ी खुद को भाजपा मे असहज से महसूस कर रहे हैं। लेकिन जब खंडूड़ी के ट्वीट ने सियासी रफ्तार पकड़ी तब खुद खंडूड़ी ने सफाई देते हुए कहा कि वह ट्विटर का यूज नहीं करते हैं। लेकिन जिस खंडूड़ी के ट्विटर से ट्वीट हुआ उसमें फालोअर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम भाजपा के कदावर नेताओं सहित कई फालोअर भी हैं।
पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दून दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में जब पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी पहुचें तो उनकी चरण वंदना करने वाले नेताओं ने उनके लिए कुर्सी छोड़ना तो दूर उनकी तरफ देखा तक नहीं । खंडूड़ी के लिए उस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने आखिरकार अपनी सीट उनके लिए छोड़ी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संम्बोधन के बाद खंडूड़ी की उपेक्षा की खबर उस दिन खासी चर्चाओं में भी रही। बीते रोज खंडूड़ी के ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट के बाद उत्तराखंड़ से लेकर दिल्ली भाजपा में भूचाल सा आ गया था।
हालांकि जनरल खंडूड़ी के ट्विटर पर ट्वीट की खबर के बाद उनकी बेटी ने लिखित शिकायत एसएसपी देहरादून एंव निरीक्षक नेहरू कालोनी दी है, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खण्डूड़ी के साथ -साथ भाजपा ने भी इस पर सफाई दी हैैै।
खंडूड़ी की बेटी की शिकायत पर पुलिस ने 420/501 आईपीसी और 65 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच के लिए निरीक्षक नेहरू कालोनी को नियुक्त किया गया है। अब पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी का ट्विटर एकाउंट भले ही फेक बताया जा रहा हो लेकिन जिस तरह से ट्वीट किया गया है वह खंडूड़ी के मौजूदा दर्द को बयां कर रहा है। यह बात हम नहीं दबी जुबान से खुद भाजपाई भी कह रहे हैं । अब सवाल उठता है कि खंडूड़ी पार्टी से खफा हैं या फिर कोई उनकी आड़ लेकर खुद की रोटी सेक रहा है।
जानकार बताते हैं कि जनरल खंडूड़ी की छवि हमेशा से ही ईमानदार व साफ-सुथरी रही है हो सकता है उनके इर्द- गिर्द रहने वाले किसी व्यक्ति की मंसा पूरी नहीं हो पा रही हो और उसने खंडूड़ी के कंधों पर अपनी बंदूक चलाई हो। खैर अब जांच के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा।