चीन की दादागिरी,ट्रांसबाउंडरी निगरानी निति का नहीं कर रहा है पालन!

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद किसी से छुपा नहीं है अगर भारत-चीन में विवाद बढ़ता है तो चीन मानसून के दौरान अपनी झीलों और नदियों को अस्त्र के रूप में अपना कर देश को भारी नुकशान पंहुचा सकता है इस बात की आशंका केंद्रीय जल ने जताई है चीन के उचाई वाले इलाको से ब्रह्मपुत्र,कोसी,गंडक समेत कई नदिया निकल कर नेपाल और भारत की सरहद के अंदर आने वाली इन नदियों से अचानक आने वाली बाढ़ से भारी नुकशान हो सकता है
दरसल भारत में वर्ष 2002 में ब्रह्मपुत्र नदी में आई बाढ़ ने बड़ी तबाही मचाई थी उस वक्त नेपाल ,भरता , चीन ने ट्रांसबाउंडरी निगरानी निति पर सहमति जताई थी इसके तहत झील,बांध टूटने,उचाई वाले इलाकों में बादल फटने की सूचना शेयर करने का प्रावधान था लेकिन चीन ने कभी भी इसका पालन नहीं किया है ऐसे में केंद्रीय जल आयोग ने आशंका जताई है की जिस तरह मौजूदा स्थिति में चीन दादागिरी पर उतारू है ऐसे में चीन भारत में तबाही मचाने के लिए अपने जल स्रोतों को हथियार के रूप में प्रयोग कर सकता है केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियो के अनुसार चीन के ट्रांसबाउंडरी निगरानी निति का पालन ना करने की वजह से केंद्रीय जल आयोग के फ्लड मैनेजमेंट ऑर्गनाइजेशन को चीन से बाढ़ और झीलों की स्थितियो के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है

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