गणेश चतुर्थी के मोके पर आज गणेश उत्सव का पर्व जहां पूरे भारत में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। कहा जाता है कि भगवान गणेश के दर्शन मात्र से सारे संकट दूर हो जाते हैं। और भगवान गणेश अपने भक्तों पर सदैव अपनी कृपा बरसाते हैं। लेकिन आज हम आपको भगवान गणेश के एक ऐसे रूप का दर्शन करवाने वाले हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान गणेश के इन्हीं आठ स्वरुप में से एक मयूरेश्वर जी का दर्शन कराते हैं। भगवान मयूरेश्वर का यह मंदिर पुणे से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर मोरगावं में स्थित है।
भगवान गणेश के मयूरेश्वर मंदिर पर हर साल लाखों की संख्या भक्त गणेश भगवान के दर्शन के लिए आते है। मोरगावं भगवान गणेश जी के पूजा व् आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। मयूरेश्वर अष्टविनायक मंदिर की वास्तुकला अपने आप में अनोखी है। इस मंदिर की बनावट मुगल वास्तुकला को दर्शाता है। इस मंदिर के चारो कोनो में मीनार है और बड़े बड़े भीमाकय पत्थरो की दीवार से चार दरवाजे भी हैं जिनके पीछे मान्यता है की यह दरवाजे सतयुग,द्वापर ,त्रेता और कलयुग के प्रतीक है।
कहा जाता है की यंहा गणेश भगवान से मिलने खुद भगवान शिव आये थे। इस मंदिर में प्रांगण में आते ही आप को नंदी महाराज के दर्शन होंगे। अमूमन ऐसा देखा गया है की भगवान शिव के मंदिर के बाहर नंदी महराज विराजते है लेकिन इस मंदिर में आपको नंदी खुद मिलेंगे। कहा जाता है की इस मंदिर में शिव भगवान और नंदी ने एक दिन विश्राम किया था जब दूसरे दिन चलने की बारी आयी तो उन्होंने जाने से मन कर दिया।