क्या कभी सुना है ऐसा अंतिम संस्कार, पढ़ कर रूह कांप उठेगी!

क्राकेस। मरने के बाद अंतिम संस्कार की दुनियाभर में भिन भिन सभ्यता और प्रक्रिया हैं कहीं मरने के बाद जलाया जाता है तो कहीं दफनाया जाता है. रूखसत होने वालो को अलविदा कहने के लिए हर धर्म और सभ्यता की अपनी परंपराएं हैं। लेकिन आज हम ऐसे अंतिम संस्कार की बात कर रहे हैं जो शायद आप कभी सोच भी नहीं सकते और पढ़कर भी आपकी रूह कांप उठेगी . वेनजुवेला और ब्राजील के जंगलों में रहने वाले ‘यानुमामी’ जनजातियों के लोग अपने लोगो का ऐसा हसर करते हैं कि सुन कर हर कोई तौबा-तौबा करने लगेगा।

वेबसाइट ‘वंडर लिस्ट’ की माने तो यानोमामी जनजातियों में जब किसी की मौत हो जाती है तो उसके शव को आग पर रखकर भुना जाता है। जब सभी मांस जलकर राख बन जाता है तो फिर हड्डियां को जलाने की बारी आती है। मांस की तरह हड्डियों को भी जलाकर उनकी राख बना दी जाती है। फिर एक देग में पानी और अन्य सामान डालकर इसमें मुर्दे के मांस और हड्डियों की राख भी शामिल कर दी जाती है। इन सब चीजों को खूब अच्छी तरह पका कर सूप तैयार किया जाता है, जिसे मरने वाले के सभी प्रिय व रिश्तेदारो को मिट्टी के प्यालो में डालकर पी जाते हैं।

यानुमामी जनजातियों का मानना है कि मरने वाले की राख का सूप पीने से उसकी आत्मा हमेशा के लिए अपने परिजनों में मौजूद रहती है। ये लोग कहते हैं कि अगर किसी मुर्दे की राख सूप बनाकर न पिया जाए तो उसकी आत्मा हमेशा तड़पती रहती है और कभी-कभी यह आत्मा दुनिया में वापस आकर अपने प्रिय और रिश्तेदारो का जीना हराम कर देती है।

 

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