कुंडली में है काल सर्प योग, तो महाशिवरात्रि के दिन करें ये काम!

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हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन शिवभक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कोई भी मौका नहीं छोड़ते है। यह व्रत-त्योहार बहुत ही विधि-विधान से किया जाता है। फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 2 दिन पड़ रहा है। जिसमें बहुत ही शुभ योग भी बन रहा है, क्योंकि इस बार स्वार्थ  योग के साथ-साथ सोम योग भी है। जो कि बहुत ही दुर्लभ योग है।

ज्योतिषचार्यों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है। साथ ही अगर आपकी कुंडली में कालसर्प योग है तो इस दिन कुछ उपाय करने से इससे भी निजात मिल जाता है। माना जाता है जिसकी कुंडली में कालसर्प योग होता है। उसके जीवन में हमेशा कोई न कोई परेशानी आती रहती है।

अगर आपकी कुंडली में भी कालसर्प योग है तो इस दिन विशेष उपाय कर इससे निजात पा सकते है। आमतौर पर कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते है। जिनके अनुसार आप ये उपाय अपना सकते है। बस आपको ये बात पता होनी चाहिए कि आपकी कुंडली में कौन सा कालसर्प दोष है। जानिए कालसर्प दोष और उसके अनुसार विशेष उपाय।

  • अगर आपकी कुंडली में अनन्त कालसर्प दोष है तो महाशिवरात्रि के दिन रांगे जो एक धातु होती है। इससे बना हुआ सिक्का नही में प्रवाहित करें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
  • नागपंचमी के दिन एकमुखी, आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
  • महाशिवरात्रि के दिन नही पर कोयला तीन बार प्रवाहित करें।
  • महामृत्युंजय का जाप करें इससे आपका यह दोष शांत होगा।
  • घर पर मोर का पंख रखें।
  • कुलिक कालसर्प दोष
    • इस दोष के होने पर आप महाशिवरात्रि के दिन जरुरतमंद को दो रंग वाला कंबल और गर्म कपड़े दान दे और इस दिन अपने घर चांदी की ठोस गोली बनाकर इसका पूजा करें और फिर इसे अपने पास ही रखें।
    • शिवरात्रि में कोयले को तीन बार नदी में प्रवाहिक करें।
    • शनिवार और मंगलवार का व्रत रखें और शनि मंदिर में जाकर भगवान शनिदेव कर पूजन करें व तैलाभिषेक करें, इससे तुरंत कार्य सफलता प्राप्त होती है।

    वासुकि कालसर्प दोष

    • कुंडली में ये दोष होने पर आप महाशिवरात्रि के दिन तीन, आठ या फिर नौ मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में डालकर धारण करें।
    • रात को सोते समय अपने पास बाजरा रखें और सुबह उठकर इसे पक्षियों को खिला दें।
    • महामृत्युंजय मंत्रों का जाप रोजाना 11 बार माला करें, जब तक राहु केतु की दशा-अंर्तदशा रहे और हर शनिवार को श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें और मंगलवार को हनुमान जी को चौला चढ़ाएं।शंखपाल कालसर्प दोष
      • अगर आपकी कुंडली में ये दोष है तो इसके लिए आप महाशिवरात्रि के दिन मंदिर जाकर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
      • इस दोष से निवारण के लिए 400 ग्राम साबूत बादाम लेकर बहते जल में प्रवाहित करें।
      • इस दिन मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक और दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें। साथ ही सूखे नारियल के फल को जल में तीन बार प्रवाहित करें।

      पद्म कालसर्प दोष

      • अगर आपकी कुंडली में पद्म कालसर्प दोष है तो महाशिवरात्रि से लेकर 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
      • महाशिवरात्रि के दिन जरुरतमंदो को पीले रंग के वस्त्र दान करें।
      • इस दिन मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक और दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें। साथ ही सूखे नारियल के फल को जल में तीन बार प्रवाहित करें।
      • शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से व्रत प्रारंभ कर 18 शनिवारों तक व्रत करें और काला वस्त्रा धारण कर 18 या 3 माला राहु के बीज मंत्रा का जाप करें। फिर एक बर्तन में जल दुर्वा और कुशा लेकर पीपल की जड़ में चढ़ाएं।

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