कांग्रेस से गठबंधन के लिए अखिलेश बेकरार!!!

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लखनऊ: कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना को पूरी तरह खत्म नहीं बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को अपने दम पर ही बहुमत मिल जायेगा लेकिन अगर कांग्रेस से गठबंधन हुआ तो 300 से ज्यादा सीटें मिल जायेंगी.

पूरी तरह से बदल चुके हैं चुनावी मुद्दे

सीएम अखिलेश यादव ने दावा किया कि जातिगत समीकरणों पर नहीं बल्कि पिछले पांच साल के उनके काम और नोटबंदी से जनता को हुई परेशानियां मतदाताओं को उनकी पार्टी की तरफ खींच लायेंगी.

उन्होंने यह भी कहा कि एसपी में पारिवारिक कलह अब कोई मसला नहीं है और चुनावी मुद्दे पूरी तरह से बदल चुके हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहली बार विकास के मुद्दे पर वोट पड़ेंगे, जातिगत समीकरणों पर नहीं. उन्हें अपने दम पर बहुमत मिलने का यकीन है लेकिन कांग्रेस से गठबंधन की दशा में 300 से अधिक सीटें आ सकती है.

नोटबंदी से हुई परेशानियां हमें जितायेंगी चुनाव

अखिलेश ने एक इंटरव्यू में कहा ,”हमारा पांच साल का काम और नोटबंदी से हुई परेशानियां हमें चुनाव जितायेंगी. जो लाइनें एटीएम के बाहर दिख रही हैं, वे हमें चुनावी बूथ के बाहर नजर आएंगी.”

उन्होंने कहा, ”बीजेपी को अपना काम दिखाना होगा कि ढाई साल में यहां क्या किया. प्रधानमंत्री यहां से चुनाव जीते, गृहमंत्री यहां से और रक्षामंत्री भी यहां से राज्यसभा में गए. सबसे ज्यादा सांसद उनके यूपी से हैं और उन्होंने राज्य को कुछ नहीं दिया. सिर्फ एक एक आदर्श गांव दिया और वहां कुछ हो नहीं रहा.”

Akhilesh Yadav

सरकार में आकर सिर्फ ‘हाथी’ लगाती है बीएसपी

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा ,”बहुजन समाज पार्टी सरकार में आकर सिर्फ ‘हाथी’ लगाती है. नौ साल हो गए हाथी एक इंच मूव नहीं किये. ऐसे लोगों को इस बार वोट नहीं देगी जनता.”

अखिलेश ने कहा ,”गठबंधन के बारे में पर राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला लेंगे लेकिन मेरी राय यह है कि वैसे तो हम सरकार बना रहे हैं लेकिन गठबंधन हो जायेगा तो हम 300 से उपर सीटें ले आयेंगे.”

अभी चुनाव में काफी समय, बदल सकते हैं हालात

कांग्रेस से गठबंधन की संभावना को एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हालांकि खारिज कर चुके हैं लेकिन अखिलेश ने कहा कि अभी चुनाव में काफी समय है और तब तक हालात बदल सकते हैं.

यह पूछने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास देने के लिये कुछ है, उन्होंने कहा, ”कांग्रेस कितनी भी कमजोर क्यो ना हो लेकिन धर्मनिरपेक्ष ताकतों का साथ होना जरूरी है. समाजवादियों का मानना है कि कांग्रेस जब सबसे कमजोर होती है तो सबसे अच्छी मित्र उन्हीं की होती है.”

राजनीति में क्या फेरबदल होता है कोई नहीं जानता

यह पूछने पर कि नेताजी के इनकार के बाद भी क्या गठबंधन की कोई संभावना बची है, उन्होंने कहा, ”यह सही है कि नेताजी ने कहा है कि गठबंधन नहीं विलय होगा. देखिये आने वाले समय में क्या फैसला लेते हैं. अभी बातचीत होगी तो देखते हैं कि क्या बनता है. अभी चुनाव आने में बहुत समय है. राजनीति में क्या फेरबदल होता है कोई नहीं जानता.”

अगली पारी में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

अपने मौजूदा कार्यकाल से मिले सबक के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अब वह और परिपक्वता और अनुभव के साथ उतर रहे हैं और अगली पारी में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. उन्होंने कहा ,”अब उम्र बढी है और अनुभव भी. घोषणा पत्र में जो जनता से वादे किये थे, पूरे किये हैं. अगली पारी में लक्ष्य यूपी को नंबर एक राज्य बनाने का होगा.”

एसपी ने 2012 में उत्तर प्रदेश में 401 सीटों पर चुनाव लड़कर 224 सीटें जीती थी जबकि बीएसपी 403 में से 80 सीट जीतकर दूसरे स्थान पर रही थी. बीजेपी को 47 और कांग्रेस को 28 सीटें मिली थी.

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