महाराष्ट्र और केरल में बाढ़ का कोहराम जारी है। बाढ़ के कारण अब तक महाराष्ट्र में 29 और केरल में 22 लोगों की मौत हो चुकी हैं। महाराष्ट्र के सांगली में 11, कोल्हापुर में 4, पुणे में 6, सतारा में 7 और सोलापुर में एक लोग की मौत हुई है। वहीं, केरल में 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 22 हजार लोग राहत शिविर में पनाह लिए हुए हैं। कर्नाटक में भी बाढ़ ने तबाही मचाई है। यहां पर अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में एनडीआरएफ राहत और बचाव कार्यों में लगी है. बाढ़ के कारण कोच्चि एयरपोर्ट रविवार तक बंद कर दिया गया है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओडिशा का बड़ा हिस्सा सैलाब के चलते पानी-पानी हो गया है। कर्नाटक के बेलगाम में तीन हेलिकॉप्टर रेस्क्यू मिशन में जुटे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में नौसेना तो केरल-कर्नाटक में सेना और वायुसेना को बचाव कार्यों में लगाया गया है। केरल के ईडुकी, वायनाड, कोडिकोड, मल्लापुरम जिले में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। केरल में अगले दो दिन तक भारी बारिश का अनुमान है। बाकी कई राज्यों के लिए भी मौसम विभाग ने ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं।
बाढ़ से निपटने की तैयारियों को जायजा लेने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हाई लेवल बैठक भी की है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 10 और टीमों को तैनात किया गया है। केरल में 1385 राहत शिविर बनाए गए हैं। सभी अधिकारियों को बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए रखने को कहा गया है। मौसम के रेड अलर्ट के बीच वायनाड में सेना को उतारने का फैसला लिया गया।महाराष्ट्र में भी कई नदियों का जल स्तर खतरे का सायरन बजा रहा है, हजारों एकड़ फसल बाढ़ में बर्बाद हो चुकी है। कुछ इलाकों में तो नौसेना को तैनात करना पड़ा है। मुख्य़मंत्री फडणवीस ने हवाई सर्वे किया और जमीनी तबाही का हाल जाना। महाराष्ट्र में कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। 150 से ज्यादा गांव का संपर्क अभी भी टूट गया है। हजारों लोग अभी भी पानी में फंसे हैं। एनडीआरएफ की टीम अब तक 3500 लोगों का रेस्क्यू कर चुकी है और लगातार लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।