
मामले के अनुसार ओएनजीसी कर्मचारी यूनियन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वह सन् 1981 से ओएनजीसी में डेलिवेज कर्मचारी के रूप में कार्यरत है अभी तक उनका नियमितीकरण नही हुआ है और विभाग ने सन् 2000 में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र देकर कहा था कि विभाग में जिस समय पद रिक्त होंगे उस समय इन डेलीवेज कर्मचारीयो को नियमित किया जायेगा परन्तु अभी तक विभाग ने उनको नियमित नही किया गया । जिसको लेकर विभाग ने सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रीयल ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की इस आदेश के खिलाफ यूनियन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ओएनजीसी को आदेश दिया है कि इन डेलिवेजर कर्मचारीयों को 48 घण्टे के भीतर नियमित करें अन्यथा आपके खिलाफ आदेश की अवमानना होने पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी । मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई।