कश्मीर के हाल कुछ ठीक नही चल रहे। या ये कह सकते है कि कश्मीर के हाल कभी ठीक थे ही नही। हर दिन मुठभेड़ और दंगों की खबर के अलावा और नया कुछ नही सुनने को मिलता।आंतकी साया हमेशा घाटी की आवो-हवा पर मंडराता है। चारो तरफ दर्द, खौफ,सिसकियां और कोहराम ही पसरा है और दसके सिवा कुछ और नही।
कश्मीर में हालात ठीक होने के का नाम नही ले रहे। संसद में सभी पार्टियों के नेता इसी मशक्कत में है कि कैसे कोई उपाय निकाला जाए ताकि वहां की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। अभी भी घाटी में इंटरनेट सेवा और फोन सेवाएं ठप है। घटना के बाद दुकान,आफिस और मकान सभी बंद है। और जो खुले है उसमें भी उपस्थिति न के बराबर है। आंतकी बुरहान की मौत के बाद से तनाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। ऐसे में कश्मीरी आवाम सख्ते में है। और भारतीय सेना के जवान भी हरपल बंदूक लटकाये चौकसी कर रहे है। सुकून से देश के अन्य राज्यों में बैठे लोगों के लिए जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति की कल्पना करना भी मुश्किल है। वहां का दर्द सिर्फ वहां के लोग ही महसूस कर सकते है। हम और आप नही।
अब तक 61 की मौत
स्वतंत्रता दिवस पर जहां पूरे हिंदुस्तान में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था वहीं कश्मीर में सुरक्षा बल आंतकियों के साथ जूझ रहे है। अब तक जारी अशांति में मरने वालों की संख्या 61 हो गयी है। आज सुबह भी मागम इलाके के अरीपठान में सीआरपीएफ के एक वाहन पर युवकरें के समूह ने पथराव किया। जवाबी कार्रवाई में तीन युवकों कर मौत हो गई जबकिं पांच अन्य घायल हुए।
जारी है कर्फ्यू
पूरे श्रीनगर जिले और अनंतनाग शहर में कर्फ्यू जारी है. जबकि घाटी के शेष हिस्से में प्रतिबंध जारी हैं। जिसके कारण लगातार 39वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ है।अधिकारी ने बताया कि घाटी के मुख्य बाजार स्थलों में नागरिकों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादियों के धरने पर बैठने की योजना को नाकाम करने के लिए कफ्र्यू और प्रतिबंध लगाया गया है।