दैनिक जागरण में रिपोर्ट छपी है बताया गया है कि पिछले सालों में ही ऊर्जा निगम मुख्यालय ने एक करोड़ से ज्यादा की केबल खरीदी, जिससे पोल से मीटर तक उपभोक्ता को कनेक्शन दिया जाए।
लेकिन शायद ही कोई ऐसा खुशनसीब उपभोक्ता होगा, जिसे यह केबल विभाग ने मुहैया कराई हो। कनेक्शन जोड़ने वाले कर्मचारी उपभोक्ता से ही केबल मंगवाते हैं, जबकि इस्टीमेट में पहले ही इसकी कीमत ले ली जाती है। यानी उपभोक्ता पर पड़ती है। रिपोर्ट में बताया गया है ऐसा नहीं है कि यह बात उच्चाधिकारियों के संज्ञान में न हों, लेकिन अधिकांश लोग जानकारी के अभाव में शिकायत करने के चक्कर में नहीं पड़ते और जो करते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में उच्चाधिकारी भी आंख मूंदे हुए हैं।
जबकि अगर इस मामले की प्रभावी जांच की जाए तो बड़ा घपला निकल सकता है। हो सकता है जल्द ही इस मामले की जांच हो या फिर विभागीय कार्यवाही की बात कहकर मामला शांत कर दिया जाए लेकिन विज़न 2020 की सभी उपभोक्ताओ से अपील है की इस तरह की किसी भी मनमानी का समर्थन न करे और अपनी लिखित शिकायत ज़रूर दर्ज करवाए और अगर फिर भी आपको लगता है की आपकी आवाज़ दबाई जा रही है तो आप हमारी वेबसाइट www.janmanchtv.com की हेल्पलाइन में हमें लिखे.