उत्तराखंड की रिंगाल की लकड़ी से बनी कंडियां (टोकरियां) और घिल्डे (कूड़ेदान) स्वच्छ भारत मिशन में अहम् भूमिका निभाने वाले है । यमुनोत्री धाम के कपाट 28 अप्रैल को खुलने हैं और इससे ठीक एक दिन पहले नगर पालिका की ओर से आने वाले यात्रियों को बड़कोट में कंडियां और टोकरियां भेंट की जाएगी।
अभियान के तहत पालिका ने स्थानीय ग्रामीणों को भी टोकरियां व घिल्डे बांटने शुरू कर दिए हैं। घरों व दुकानों में कूड़ा रखने के लिए पालिका स्थानीय ग्रामीणों के बनाए गए रिंगाल के घिल्डे बांटने जा रही है।
अभी लोग पॉलीथिन का सबसे अधिक प्रयोग सब्जी, फल आदि लाने में करते है और पॉलीथिन के प्रयोग को पूरी तरह से रोकने के लिए पालिका ने रिंगाल से बनाई गई छोटी-छोटी कंडियां मंगवाई और योजना के अनुसार लगभग एक हजार परिवारों को एक कंडियां दी जानी है।
इससे न सिर्फ पर्यावरण का ध्यान रखा जा सकेगा बल्कि रिंगाल से बनी इन कंडियों व कूड़ेदान के उपयोग से उन ग्रामीणों को भी रोजगार मिल सकेगा जो रिंगाल की व्यवसाय से जुड़े हैं। उत्तराखंड में इस तरह की योजनाओ को और बढ़ावा मिलना चाहिए और अपने राज्य में ही उत्पन्न होने वाली ऐसी वस्तुओं के उपयोग के लिए लोगो को भी जागरूक रहना चाहिए ।