
देहरादून – अपराधियों के हौसले यूं ही बुलंद नहीं होते है उनकी हौसला अफजाई करती है उत्तराखंड की मित्र पुलिस? यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 25 नवंबर की देर रात को एक युवक की रसूख वाले युवक से कहासुनी हो जाती है और वह युवक चमोली निवासी विपिन रावत पर बेसबॉल के बैट से हमला कर मौत के घाट उतार देता है। यह घटना किसी जंगल की नहीं बल्कि उत्तराखंड की राजधानी कहे जाने वाले एसएसपी दफ्तर से लगभग 100 मीटर के दूरी की है। मामला जब लखीबाग चौकी पहुंचता है तो उप निरीक्षक प्रवीण सैनी दोनों पार्टियों के बीच मध्यस्था की बात करता है यानी सीधे तौर पर कहा जाए तो कथित समझौता करवाने का प्रयास करता है। यह आरोप मृतक विपिन रावत के परिजन साफ तौर पर लगा रहे हैं। आरोप को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर देहरादून के एसएसपी उपनिरीक्षक प्रवीण सैनी को निलंबित कर देते हैं।
अंकिता भंडारी हत्याकांड, केदार भंडारी मिसिंग, काशीपुर गोलीकांड, मंत्री की हत्या की शाजिस जैसे घटनाक्रम से भी नहीं चेती मित्र पुलिस!
उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष ने बिगड़ती कानून को सदन के भीतर भी उठाया और सड़कों पर उतरकर भी आए दिन विरोध जता रही है। कुछ दिनों पहले अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले ने ना केवल उत्तराखंड वासियों को बल्कि समूचे देशवासियों को झकझोर कर रख दिया था पुलिस ने इस मामले से भी संज्ञान नहीं लिया उसके बाद उत्तरकाशी का एक और लाल अग्निवीर भर्ती के लिए गया उसको लेकर भी पुलिस पर आए दिन सवाल उठने लगे हैं क्योंकि केदार भंडारी का ना तो मौत का पता चल रहा है और ना जिंदा होने का सबूत। काशीपुर में खुल्लम खुल्ला गोली कांड हुआ जिसमें पूर्व प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई। यही नहीं मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब उत्तराखंड के एक कैबिनेट की मौत की साजिश रची जाती है। यह मुद्दे अपने आप में कई गंभीर सवालों को जन्म देते हैं। केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही नहीं बल्कि कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेखौफ अपराधी धड़ल्ले से बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम इसीलिए दे रहे हैं।
चमोली के युवक विपिन रावत की कैसे हुई मौत, और परिजनों की क्या है मांग?
उत्तराखंड में कानून व्यवस्था आए दिन ध्वस्त होते नजर आ रही। वहीं राजधानी कहे जाने वाले देहरादून में कानून व्यवस्था नाम की तो कोई चीज ही नहीं रह गई है, आए दिन बड़ी-बड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं। पुलिस कार्यवाही करने के बजाए कथित मध्यस्ता करती है। यही कारण है कि अपराध करने वालों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं, तभी तो एक रसूख वाले युवक ने चमोली ने निवासी बिपिन रावत पर बेसबॉल के डंडे से हमला कर उसे आखिर मौत के घाट उतार ही दिया।
25 नवंबर की देर रात को अपने दोस्तों के साथ प्राइम लोकेशन पर बने एक निजी होटल में खाना खाने गए युवक बिपिन रावत कि यहां पर एक कहासुनी के बाद एक युवक ने बेसबॉल के डंडे से विपिन पर हमला कर दिया। विपिन वहीं पर बेहोश हो गया जिसके बाद उसका उपचार देहरादून के एक निजी अस्पताल में चल रहा था और आखिर उसने वहां पर अंतिम सांस ले ली।
इसके बाद मामला लक्खीबाग पहुंचा, जहां पुलिस पर ही मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया। उन्होंने कहा की उप निरीक्षक प्रवीण सैनी द्वारा समझौता करने के लिए हर तरीके के हथकंडे अपनाए जा रहे थे। मामले ने तूल पकड़ा तो कांग्रेस के विधायक राजेंद्र भंडारी के साथ कई लोग निजी अस्पताल पहुंचे जहां पर मृतक युवक का उपचार चल रहा था इसी दौरान कांग्रेस के तमाम लोगों ने हंगामा किया कि, तब तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा जब तक उप निरीक्षक प्रवीण सैनी को सस्पेंड नहीं किया जाएगा, साथ ही जिस व्यक्ति ने बेसबॉल के डंडे से बिपिन रावत को मौत के घाट उतारा है उसे और उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया जाए। मामले ने तूल पकड़ा तो एसएसपी देहरादून ने उप निरीक्षक प्रवीण सैनी को निलंबित कर दिया।
उधर जब इस बाबत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से सवाल किया गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। कांग्रेस के विरोध पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी है।
वही बिपिन रावत के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है बिपिन रावत के पिता की मांग है कि जिन लोगों ने उनके लाडले को मौत के घाट उतारा है उन्हें फांसी की सजा दी जाए साथ ही घर की कुर्की की जाए।
उत्तराखंड में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लाजमी है उधम सिंह नगर में एक पूर्व प्रमुख के पत्नी की हत्या हो जाती है, अंकिता भंडारी हत्याकांड मामला, केदार भंडारी मिसिंग मामला, देहरादून के कारगी में हुई युवती पर हुई फायरिंग का मामला, भू माफियाओं द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जे यह उत्तराखंड पुलिस व्यवस्था पर कहीं ना कहीं सवालिया निशान खड़ा करता है यही नहीं आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि महज 100 मीटर की दूरी पर देहरादून पुलिस का जिला मुख्यालय है और वहां पर रसूख वाला युवक चमोली निवासी बिपिन रावत पर बेसबॉल के डंडे से वार कर मौत के घाट उतार देता है यही नहीं मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब देहरादून पुलिस पर समझौते के आरोप लग रहे हो कहीं ना कहीं यह प्रशासन का रवैया तो दिखाता ही है वही सरकार को भी कानून व्यवस्था को लेकर आईना भी दिखाता है।