एक जमाना था जब कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टियों में सबसे ऊपर गिनी जाती थी। पर कांग्रेस की आज की स्थिति देखकर पार्टी के वर्चस्व पर सवाल उठ जाते है। यूपी में तो सपा और कांग्रेस के गठबंधन नेे कांग्रेस को कुछ हद तक मजबूती देने का काम किया है पर उत्तराखंड में पार्टी के हाल बेहाल हो गए है। कांग्रेस पार्टी में मौजूद बड़े नामों ने जहां कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है वहीं कुछ अन्य नेता भी अब कांग्रेस से कुछ खास उम्मीद नही रख रहे और निर्दलीय ही मैदान में उतरने का मन बना रहे है।

सूत्रों की माने तो पार्टी हाईकमान ने उत्तराखंड के दो बड़े नेता प्रीतम पंवार और दिनेश धनै को 24 जनवरी दोपहर तक का अल्टीमेंटम दे डाला है। और हुक्म जारी किया है कि 24 जनवरी दोपहर तक अपना फैसला बताए। कांग्रेस का कहना है कि अगर दोनों ने पार्टी सिंबल ले लिया तो ठीक है नही तो धनोल्टी और टिहरी से कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी।
माना तो ये भी जा रहा है कि अगर पीडीएफ के प्रीतम पंवार और दिनेश धनै अपनी जिद में अड़े रहे तो कांग्रेस सीटों में मामूली फेरबदल कर दोनों दावेदारों को बड़ा झटका दे सकती है।
सूत्रो के मुताबिक कांग्रेस धनोल्टी से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मसूरी, मनमोहन मल्ल और टिहरी से किशोर उपाध्याय या इन दो नामो (नरेद्र रमोला, पदमसिंह कुमाई) में से एक पर दाव चल सकती है हालांकि किशोर का नाम सहसपुर विधानसभा सीट के लिए घोषित हो चुका है।
प्रीतम पंवार
हालांकि दिनेश धनै टिहरी से तो प्रीतम सिंह पंवार धनोल्टी विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का पहले ही ऐलान कर चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी टिहरी और धनौल्टी सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी की घोषणा न करना इस ओर इशारा करता है| धनै और पंवार दोनों कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ें। जिसके चलते कांग्रेस हाईकमान ने धनै और पंवार को 24 जनवरी दोपहर तक का अल्टीमेटम देकर जल्द निर्णय देने को कहा है।