
उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है यहाँ प्राचीन मंदिरों के साथ साथ शक्तिपीठ,बद्रीनाथ केदारनाथ यमनोत्री गंगोत्री जैसे पवित्र चारधाम है वाही कुछ अद्भुद चमत्कारी शक्तियों में से एक कसार देवी का मंदिर अल्मोड़ा से लगभग10 किलोमीटर दूर है एक ऐसा देवी का मंदिर जिसकी अद्भुत चमत्कारी शक्तियों से वैज्ञानिक भी है हैरान। आइये जानते है उस मंदिर के कुछ रोचक तथ्य।अल्मोड़ा से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित कसार देवी मंदिर में , जहां खास चुम्बकीय शक्तियां मौजूद हैं। इस मंदिर में जानेवाले हर श्रद्धालु को मिलती है अद्भुत मानसिक शांति । नासा के वैज्ञानिको ने वर्ष 2012 से ही इसपर शोध करना शुरू कर दिया था। तो आईये जानते है क्या खास है इस मंदिर में।
यह मंदिर माँ दुर्गा के कात्यायनी अवतार के नाम से प्रशिद्ध है और कहा जाता है की इसी जगह पर माँ कात्यायनी ने 2000 साल पहले राक्षस शुंभ-निशुंभ का वध किया था। नासा के वैज्ञानिको की माने तो कसार देवी मंदिर के आसपास के कुछ किलोमीटर के दायरे में रहस्यमयी चुम्बकीय तरंगे है।
यही कारण है कि यहां आनेवाले भक्त यहाँ बनी सैंकड़ों सीढ़ियों और कठिन रास्तों को बड़ी आसानी से पार कर लेते है और आसानी से ध्यान लगा पाते है। यहाँ के लोगो का कहना है की ,कसार देवी मंदिर में विवेकानंद जी भी ध्यान के लिए आए थे और काफी समय तक यहां निवास किया था।आज भी यहां दुनियां भर से सैलानी योग-ध्यान के लिए आते हैं।
दरहसल इस मंदिर के आस – पास के क्षेत्र में अदभुत चुंबकीय तरंगे है , जो धरती के अंदर बने एक रेडिएशन क्षेत्र के कारण है लेकिन यह तरंगे इस स्थान पर क्यों बना या बन रही है, इसका जवाब वैज्ञानिक पिछले कई सालों से पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस शोध में उन्हें अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।कसार मंदिर के अलावा दुनिया में दो ऐसे और भी जगह हैं जैसे, अमेरिका में माचू- पिचू और इंग्लैंड में स्टोन हैंग स्मारक ,जहां धरती के अंदर चमत्कारी चुंबकीय तरंगें बनती हैं। इसलिए इन क्षेत्रों पर लोग ध्यान के लिए आना ज्यादा पसंद करते हैं।



