देहरादून-उत्तराखंड कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान पर आज थम सकती है। कांग्रेस हाईकमान आज उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष के नाम का एलान कर सकती है। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि पंजाब की तर्ज पर उत्तराखंड में दो कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। जिसमें एक कुमाऊं मंडल और एक गढ़वाल के लिए होगा।
उत्तराखंड में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद खाली हुई नेता प्रतिपक्ष की सीट को लेकर तमाम माथापच्ची के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है।
पार्टी ने इसके लिए समन्वय समिति बनाकर हल निकालने का प्रयास किया, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के साथ प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी चेहरा बदले जाने की बात सामने आने के बाद मामला फंस गया। इसके बाद समन्वय समिति ने अपनी रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस हाईकमान को सौंप दी।
जिस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। इस बीच पंजाब कांग्रेस का मामला फंस जाने के बाद उत्तराखंड दूसरी प्राथमिकता में आ गया। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आज पार्टी इस पर फैसला ले सकती है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की इस दौड़ में गणेश गोदियाल, प्रदीप टम्टा, गोविंद सिंह कुंजवाल, ममता राकेश, काजी निजामुद्दीन समेत कई नेताओं के नाम सियासी चर्चाओं में तैर रहे हैं। पार्टी का एक गुट अध्यक्ष के दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की भी राय दे रहा है।
नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को लेकर जब कवायद शुरू हुई तो दावेदार विधायकों के दो खेमों में बंटने की खबरें आने लगी। सूत्रों की मानें तो आलाकमान नहीं चाहता कि चुनाव से ऐन पहले पार्टी खेमबाजी में बंटी नजर आए। इसलिए वह कोई बीच का रास्ता निकालने की जुगत में है।
अभी तक कांग्रेस जिस रणनीति पर काम कर रही थी, उसमें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी गढ़वाल के किसी ठाकुर नेता को दिए जाने और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कुमाऊं से किसी ब्राह्मण चेहरे को लाने की थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने कुमाऊं के साथ तराई और युवा चेहरे पर दांव लगाते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पुष्कर सिंह धामी को बैठा दिया। ऐसे में अब कांग्रेस को सियासी नफा-नुकसान को देखते हुए नए समीकरण तलाशने के लिए मजबूर कर दिया है।