भगवान शिव को हिन्दू धर्म में भोले के नाम से भी जाना जाता है क्योकि कहा जाता है कि कोई भी भक्त एक बार सच्चे मन से भोले को याद कर तो उसकी सारी विपदाएं दूर हो जाती हैं। लेकिन वहीं उनके विकराल रूप का भी कोई अंत नहीं है जिसके कारण शंकर के गुस्से को हिन्दू धर्म के सभी लोग अच्छे से परिचित हैं। उन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है क्योंकि सभी देवता उनसे डरते हैं।
उज्जैन के काल भैरव मंदिर की उत्पत्ति भगवान शंकर के क्रोध से हुई थी, काल भैरव का मंदिर जो कि हिन्दू देवता भैरव को समर्पित है। यह महाकाल मंदिर से लगभग पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
1. काल भैरव मंदिर उज्जैन में स्थित एक हिन्दू मंदिर है, जो कि हिन्दू देवता भैरव देव को समर्पित है।
2. चौंकाने वाली बात है कि इस मंदिर में प्रसाद नहीं बल्कि शराब चढ़ाई जाती है।
3. मन्दिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है के यहां पर भैरव देव खुद साक्षात् रूप में मदिरा पान करते हैं।
4. महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर यहां पर एक बड़ा मेला लगता है, यह मंदिर लगभग 5 हजार से भी अधिक वर्षों पुराना माना जाता है।
5. चौंकाने वाला सच है कि भैरव नाथ के मूंह पर जैसे ही शराब का प्याला लगाया जाता है देखते ही देखते शराब के प्याले खाली हो जाते हैं।
6. मान्यताओं के अनुसार यहां मांगी गयी हर मनोकामना पूरी हो जाती है, यही कारण है कि यहां रोजाना हजारों की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है।
7. यहां शिव की पूजा का खास समय रात के 12 बजे से 3 बजे तक माना जाता है, भगवान भैरव शिव के गण माने जाते हैं और शिव के क्रोधित होने पर ही भैरव देव की उत्त्पति हुई थी।
8. प्राचीन समय में यहां केवल तांत्रिकों का जमावड़ा होता था किंतु आज सब को आने की अनुमति होती है। 9. उज्जैन में भगवान भोले नाथ के दर्शन साथ भैरव देव के दर्शन भी बहुत जरूरी होते है वरना यात्रा नहीं मानी जाती।