जीवन में कई बार हम उन् छोटी छोटी बातो को नजरअंदाज कर देते है, जो की कई मायनो में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हमारे जीवन में प्रभाव डालते है, जी हाँ बात कर रहे हैं उन् दोषो की जिनका जिक्र ग्रंथो में भी किया गया है- निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता
पहला, अधिक सोना दरिद्रता को निमंत्रण होता है , इसी लिए इस बात का हमेशा ध्यान रखे की, गलत समय पर न सोये । हमेशा रात को समय से सोये और सुबह सही समय पर उठे ।
दूसरी बात, हमेशा खुद पर विश्वास बनाएं रखे। क्यूंकि खुद पर विश्वास हो तो जीवन में हर नामुमकिन काम को मुमकिन किया जा सकता है , खुद पर विश्वास की कमी जीवन में असफलता की और धकेलती है ।
तीसरी बात, डर को खुद पर हावी न होने दे , आप को बता दे डर को ग्रंथो में एक बड़ा दोष माना गया है। जिसके मन में डर होता है वो किसी भी काम में सफल नहीं हो सकता।
चौथी बात, आलस्य एक ऐसा दोष है जिससे लोग अपने आज और कल दोनों को खत्म कर देते है। उन्नति का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य है ।
पांचवी बात, कभी भी गुस्से में कोई निर्णय न ले, गुस्से में लिया गया निर्णय कभी भी फलदायक नहीं होता । गुस्से से लिए हुए निर्णय से इंसान अक्सर परेशान ही रहता है ।
और हमेशा याद रखे , समय की कद्र न करने वाला कभी भी सुखी नहीं रहता । इसलिए हर काम समय से करना जरूरी होता है। कहा भी गया है की “समय और लहरें कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करते “।