नई दिल्ली। आर्मी चीफ दलबीर सुहाग ने पूर्व आर्मी चीफ और मौजूदा केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ मोर्चा दिया है। सुहाग ने वीके सिंह पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि जनरल वीके सिंह पर उनके प्रमोशन को जानबूझकर रोका । अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुहाग ने एक शपथपत्र दाखिल किया है जिसमें ये आरोप लगाए गए हैं। इस शपथपत्र में सुहाग ने कहा है कि 2012 में उन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ वीके सिंह ने बेवजह परेशान किया था। सुहाग ने कहा कि वीके सिंह का मुख्य उद्देश्य आर्मी कमांडर की नियुक्ति से रोकना था।
क्या है मामला
मामला अप्रैल और मई 2012 का है जब वीके सिंह ने कमांड और कंट्रोल में नाकामी के आरोप में दलबीर सिंह सुहाग पर अनुशासन और विजिलेंस पाबंदी लगाई थी। 2011 में 20 और 21 दिसंबर की रात दलबीर सिंह सुहाग ने असम के जोरहाट में एक ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन को लेकर ही दलबीर सिंह के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया था। जनरल सुहाग ने अपने शपथपत्र में जोरहाट ऑपरेशन का हवाला देते हुए कहा है कि वह उस दिन छुट्टी पर थे और ऑपरेशन से अलग थे। उन्होंने 26 दिसंबर 2011 को दोबारा ड्यूटी ज्वाइन की। जनरल बिक्रम सिंह ने 15 जून 2012 को इस्टर्न कमांड में जीओसी.इन.सी के रूप में दलबीर सिंह के प्रमोशन पर मुहर लगा दी। इसके बाद वीके सिंह के रिटायरमेंट के बाद 31 मई 2012 को दलबीर सिंह से बैन हटा लिया गया। इस प्रमोशन में देरी के कारण आर्मी कमांडर का पद 15 दिनों तक खाली रहा था।