श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर सरकार ने हिजबुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी के भाई की पिछले साल अप्रैल में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के लिए, उनके परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. उनके पिता मुजफ्फर वानी ने हालांकि मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बड़े बेटे खालिद की सुरक्षाबलों ने सुनियोजित तरीके से हत्या की. मुजफ्फर वानी पेशे से स्कूली शिक्षक हैं.
पुलवामा जिले के उपायुक्त मुनीर उल इस्लाम ने सोमवार को एक अधिसूचना में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में मारे गए या घायल हुए लोगों के परिजनों को वित्तीय राहत प्रदान करने का आदेश दिया. दक्षिण कश्मीर जिले के कम से कम 17 परिवारों को मुआवजे का आदेश दिया गया है. अधिसूचना में वानी का नाम नौवें स्थान पर है. उनके परिजन को चार लाख रुपये या सरकारी नौकरी देने की पेशकश की गई है.
इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रहा 25 वर्षीय खालिद 14 अप्रैल को उस वक्त मारा गया था, जब वह कथित तौर पर त्राल में जंगल में एक ठिकाने पर रह रहे अपने भाई बुरहान वानी से मिलने गया था.
राज्य पुलिस ने आरोप लगाया था कि खालिद हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन का सदस्य था. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने उसे तथा उसके तीन दोस्तों को जंगल में बुरहान से मिलने जाने के दौरान रोका था. लेकिन वे नहीं रुके, जिसके बाद मुठभेड़ में खालिद तथा उसका एक साथी मारा गया. परिजनों ने आरोप लगाया था कि खालिद के शव पर चोट के निशान थे और सुरक्षाबलों पर हिरासत के दौरान उसकी हत्या करने का आरोप लगाया.