आज से शुरू हुआ छठ पर्व, जानें कितना फलदायी होता है यह पर्व!


आज यानि मंगलवार से लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया है। आज नहाय-खाय के साथ ही छठ महापर्व का अनुष्ठान शुरू हो जायेगा। चार दिवसीय महापर्व को लेकर श्रद्धालुओं ने तैयारी शुरु कर दी है। पूरे आस्था के साथ लोग पर्व की तैयारी में जुटे है।
इस पर्व पर मिट्टी के दीये, मिट्टी और लोहे के चूल्हे, आम की लकड़ी की खरीददारी की जाती है। बाजार में जगह जगह आम की लकड़ी, चूल्हे तथा मिट्टी के बने अन्य बर्तनों की खरीददारी की जा रही है इसी के साथ शुद्ध घी की खरीदारी भी हो रही है। बाजार में लोहे के चूल्हे 400 से 500 रुपए तक, मिट्टी के चूल्हे 100 से 150 रुपये तक मिल रहे हैं। आम की लकड़ी व कोरा धोती साड़ी का भी इस पर्व में काफी महत्तव माना जाता है।

मिट्टी के दीये और प्रसाद बनाने के लिए हड़ोला तथा सरपोस की बिक्री भी इस पर्व पर खुब होती है। जानकार बताते हैं कि छठ पर्व का अनुष्ठान करने वाले लोग मंगलवार को स्नान करने के वाद प्रसाद बनाएंगे। पूरी शुद्धता के साथ प्रसाद बनाया जाएगा और सबसे पहले ब्रत के अनुष्ठान करने वाले लोग प्रसाद ग्रहण करेंगे।
इसके बाद परिजनों और मित्रों को प्रसाद खिलाया जाएगा। छठ पर्व को लेकर लोगों के घरों में अरवा चावल और चने की दाल को पूरी तरह से चुनने का काम किया जाता है। वहीं पूरी शुद्धता के साथ गेहूं को धो कर सुखाया जाता है। इस दौरान महिलाएं छठी मईया की गीत गाती हैं जिसके चलते वातावरण पूरी तरह भक्तिमय बन जाता है।


सफाई का विशेष ध्यान
यू तो कार्तिक मास में होने वाला छठ महापर्व अधिकांश घरों में होता है। इस पर्व पर घर की साफ – सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। पूरे घर को शुद्ध पानी से धोया जाता है जहां श्रद्धालु नहाय खाय का प्रसाद बनाते हैं। उस जगह की भी पूरी शुद्धता के साथ साफ सफाई की जाती है। महिलाएं स्नान करने के बाद ही पूजा घर की सफाई करती हैं।
पर्व पर सूप और दउरे का महत्तव
छठ महापर्व पर सूप और दउरे का बड़ा ही महत्तव माना जाता है। छठ पर्व पर सूप और दउरे की खरीदारी बढ़ जाती है और सामान्य दिनों बाजार में 80 रूपये में सूप और दउरा 70 रूपये बढ़कर 200 रूपये तक बिकने लगते हैं।

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