आखिर “पुत्रमोह” में पड़ ही गए “मुलायम”….

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समाजवादी पार्टी में चल रहा पार्टी संग्राम अभी ठंडा नही पड़ा है। सूत्रों की माने तो शिवपाल और अखिलेश की दूरियां कम नही हुई है। पार्टी सुप्रीमों मुलायम को शिवपाल के इस्तीफे की बात ने हिला दिया था। वहीं अब बेटे अखिलेश की नाराजगी भी उनकी चिंता को बढ़ा दिया है। ऐसी स्थिति में मुलायम अपने सख्त तेवर को कुछ हल्का करते दिख रहे है।

 
यूपी में विधानसभा चुनाव करीब है। वहीं समाजवादी पार्टी का कलह अभी तक पूरी तरह खत्म नही हुआ है। ऐसे में पार्टी के लिए चुनाव जीतना बड़ी चुनौती बन गया है। पार्टी के हालातों को काबू में लाने के लिए एक बार फिर सपा सुप्रीमो ने कमर कस ली है। एक तरफ जहां मुलायम ने भाई शिवपाल यादव को पार्टी की अहम जिम्मेदारी देकर उन्हें खुश किया है। वहीं मुलायम अब रूठे अखिलेश को भी मनाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि चाचा शिवपाल की ओर मुलायम का झुकाव भतीजे अखिलेश को रास नही आ रहा है। इसके अलावा अखिलेश के कई अपने चहिते मंत्रियो को पार्टी से हटाने और कुछ मंत्रियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न दिए जाने से अखिलेश पापा मुलायम से खासा नाराज है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और मुलायम आपस में मनमुटाव के कारण बात करने से भी कतरा रहे है। ऐसे में मुलायम सिंह ने अखिलेश को मनाने के लिए यू टर्न लिया है। जिसे अखिलेश को खुश करने का पैतरा बताया जा रहा है।

 

मुलायम ने साफ किया है कि यूपी में पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा अखिलेश ही होंगे। अभी  पिछले सप्ताह मुलायम सिंह ने कहा था विधानसभा चुनाव 2017 के लिए मुख्यमंत्री का तेहरा तय नहीं किया गया है, और उसका फैसला जीत के बाद पार्टी विधायक करेंगे.

 

मुलायम सिंह का मुख्यमंत्री पद दावेदार  के लिए घोषणा करना थोड़ा अचंभित करना तो है ही, पर कहा जा रहा है कि पुत्रमोह ने सख्त हुए मुलायम को पिघला ही दिया। जिसकी वजह से अचानक ही सपा सुप्रीमों ने मुख्यमंत्री पद  के लिए अखिलेश का नाम घोषित कर दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि पापा मुलायम का ये फैसला बेटे अखिलेश को खुश करने में कितना सफल रहता है।

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