असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट शनिवार को जारी कर दी गई है। लिस्ट में 19 लाख, 6 हजार 667 लोग शामिल नहीं हो सके हैं। एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों को एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह मिली और 19,06,657 लोग इससे बाहर हैं। लिस्ट में शामिल न होने वाले लोगों के पास क्या विकल्प है, आइए आपको बताते हैं। जो लोग एनआरसी में नाम नहीं आने से परेशान हैं, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन में अपील कर सकते हैं। असम सरकार राज्य के 400 विदेशी न्यायाधिकरणों की स्थापना करेगी, ताकि उन लोगों के मामलों से निपटा जा सके, जिन्हें अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर रखा गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह राजनीति) कुमार संजय कृष्णा ने कहा कि ऐसे 200 ट्रिब्यूनल्स बनाने की प्रक्रिया चल रही है और लिस्ट से निकाले गए लोगों के लिए ऐसे 200 और ट्रिब्यूनल्स जल्द बनाए जाएंगे। फॉरनर्स ट्रिब्यूनल अर्ध न्यायिक कोर्ट होते हैं, जो एनआरसी सूची से निकाले गए लोगों की अपील सुनते हैं। कृष्णा के मुताबिक, ‘ये ट्रिब्यूनल याचिका दायर करने और सुनवाई को बिना किसी रुकावट के सुनिश्चित करने के लिए सुविधाजनक स्थानों पर बनाए जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘एनआरसी की अंतिम लिस्ट से निकाले गए लोगों को तब तक हिरासत में नहीं लिया जा सकता, जब तक फॉरनर्स ट्रिब्यूनल अपना फैसला नहीं सुना देते। ये लोग पहले फॉरनर्स ट्रिब्यूनल (एफटी) जा सकते हैं और अगर एफटी के आदेश से भी संतुष्ट नहीं होते तो वे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। ‘ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी एनआरसी सूची से निकाले गए लोगों को जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के माध्यम से कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त करेगी।
असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट www.nrcaasam.nic.in पर देखी जा सकती है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन भारत में नागरिकता को वेरिफाई करने की सबसे बड़ी प्रक्रिया है। इसका मकसद उन लोगों की पहचान करना है, जो घुसपैठ (खासकर बांग्लादेश से) असम में घुस आए और वहीं रहने लगे। गौरतलब है कि असम सरकार ने 30 जून 2018 को एनआरसी का दूसरा ड्राफ्ट जारी किया था। तब 40 लाख लोगों को लिस्ट से बाहर रखा गया है। फाइनल लिस्ट में यह आंकड़ा घटकर 19 लाख तक आ गया।