अलगाववादी इंसानियत और जम्हूरियत में यकीन नहीं रखते:राजनाथ सिंह

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श्रीनगर: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि कश्मीर के हालात सुधरें। हर व्यक्ति चाहता है कि कश्मीर में अमन और शांति कायम हो। गौर हो कि कश्मीर में आज सर्वदलीय प्रतिनिधिंडल का आज दूसरा दिन है।

हुर्रियत नेताओं से मिलने पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से उनके मिलने से मना कर देने के एक दिन बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अलगाववादियों का रवैया दर्शाता है कि वे ‘कश्मीरियत’, ‘इंसानियत’ और ‘जम्हूरियत’ में यकीन नहीं रखते हैं। प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दूसरे दिन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये सिंह ने कहा कि वह इस बारे में आश्वस्त हैं कि राज्य में शांति बहाल होगी और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत की है।

गृहमंत्री ने कहा, ‘जहां तक वार्ता का संबंध है तो अमन और सामान्य स्थिति चाहने वाले सभी लोगों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी पत्र लिखे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य कल हुर्रियत नेताओं से मिलने गये थे। जिन्हें हमने ना तो जाने के लिए कहा था और ना ही नहीं जाने के लिए। जो कुछ भी हुआ उसके बारे में आप जानते हैं। विस्तार में जाने की मेरी इच्छा नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें उन दोस्तों ने वापस आ कर जो भी सूचना दी, यह कहा जा सकता है कि यह ‘कश्मीरियत’ नहीं है। इसे ‘इंसानियत’ नहीं कहा जा सकता। कोई बातचीत के लिए जाता है और वो उसे खारिज कर देते हैं, यह ‘जम्हूरियत’ भी नहीं है। शांति और सामान्य स्थिति चाहने वाले हरेक आदमी के साथ बातचीत के लिए हम तैयार हैं।’ सिंह ने कहा जम्मू कश्मीर ‘‘हमेशा भारत का अभिन्न अंग था , है और रहेगा।’

 गृहमंत्री ने कहा कि उनकी राज्य की पिछली यात्रा के दौरान पेलेट गनों के इस्तेमाल को लेकर चिंताएं व्यक्त की गयी थीं ,जिसके लिए अब गैर घातक ‘पावा’ गोलों की सिफारिश की गयी है। उन्होंने कहा, ‘इन गोलों से किसी की जान नहीं जाएगी। करीब 1000 गोले यहां पहुंच चुके हैं।’ घाटी में अस्थिर हालात का जायजा लेने के लिए यहां दो दिवसीय दौरे पर आए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे मंत्री ने कहा कि कश्मीर के हालात को देखकर पूरा देश और संसद दुखी है।यह पूछे जाने पर कि क्या कश्मीर के मुद्दे पर भारत पाकिस्तान से बातचीत करने की योजना बना रहा है , सिंह ने कहा, ‘पहले हम भारतीयों से तो बातचीत करें।’ यह पूछे जाने पर कि समय समय पर पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस द्वारा उठाई जाने वाली स्वायत्तता की मांग पर क्या केन्द्र आगे बढ़ने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात को लेकर चिंतित नहीं हैं कि अतीत में किसने क्या कहा । कश्मीर के हालात में सुधार के लिए हमने प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीतों में सभी के विचार जाने हैं और सहयोग मांगा है।’ ट्रैक टू चैनल वार्ता के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि वह ‘ट्रैक वन, ट्रैक टू या ट्रैक थ्री’ स्तरीय बातचीत की बहस में नहीं पड़ना चाहते हैं।

मंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले कश्मीरी युवकों की समस्याओं का सामाधान करने के लिए मंत्रालय ने डॉक्टर संजय राय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है जिनसे 011-23092923, 23092885 नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सर्वोच्च ‘पंचायत’ संसद कश्मीर की स्थिति को लेकर बहुत गंभीर है और इसलिए बातचीत के वास्ते उसने सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि 20 दलों के 26 संसद सदस्य प्रतिनिधिमंडल के अंग के तौर पर यहां बातचीत करने के लिए आए हैं।

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