
उत्तराखंड के श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की राजनीतिक पैंतरेबाज़ी ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को पटकनी दी है.मीडिया खबरों के मुताबिक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत ने एक बार फिर इतिहास को दोहरते हुए शुक्रवार को भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अपर कार्याधिकारी (एईओ) का पदभार संभाल लिया है.
दरअसल दमयंती रावत शिक्षा विभाग में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हैं और श्रम मंत्री के कहने पर विभाग के सचिव ने शिक्षा विभाग से भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अपर कार्याधिकारी पद पर उनकी नियुक्ति के लिए डेपुटेशन मांगा था.
लेकिन शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे इसके ख़िलाफ़ खड़े हो गए थे और उन्होंने दमयंती रावत को डेपुटेशन देने से साफ़ इनकार कर दिया था. अरविंद पांडे ने तो दमयंती रावत के ट्रांस्फ़र के बावजूद नई नियुक्ति पर जॉयन नहीं करने पर उनके खिलाफ जांच के आदेश तक दे दिए थे.
लेकिन शुक्रवार को साफ़ हो गया कि हरक सिंह रावत के लिए यह मामला कितना महत्वपूर्ण है और उन्होंने अरविंद पांडे को भी कांग्रेस के पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी की तरह दमयंती रावत के सामाने बौना साबित कर दिया. अरविंद पांडे की तरह शुरुआत में मंत्री प्रसाद नैथानी भी डेपुटेशन न देने पर अड़े नज़र आ रहे थे लेकिन हरक सिंह रावत की राजनीतिक पैंतरेबाज़ी ने उन्हें पछाड़ दिया. ठीक यही अब अरविंद पांडे के साथ हुआ है. जानकारों की माने तो विभाग में लगभग डेढ़ सो करोड़ रूपया फंड में पड़ा हुआ है, उसी पर हर किसी की नजरे गढ़ी हुई है. लोग तो यंहा तक कह रहे है कि इतने बड़े फंड को केसे ठिकाने लगाया जाए, उसी को लेकर हाय-तोबा मची हुई है. देखने यह होगा कि त्रिवेन्द्र सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है….