उत्तराखंड में पवित्र तीर्थस्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ को रेललिंक से जोड़ने के लिये आज अंतिम रेलवे सर्वेक्षण का शुभारंभ हो गया।
आज दोपहर रेल मंत्री सुरेश प्रभु और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बदरीनाथ में आयोजित एक समारोेह में अंतिम स्थान के चयन के लिये सर्वेक्षण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह और उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुरेन्द्र उनियाल, बदरीनाथ क्षेत्र के विधायक महेन्द्र भट्ट तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
इस पर श्री प्रभु ने कहा
आदि शंकराचार्य और पांडव भी बदरीनाथ धाम यात्रा पर आये थे लेकिन उस समय बहुत विषम परिस्थिति थी। वर्तमान में नयी तकनीक के जरिये देश की जनता की यात्रा को सुगम बनाने के लिए इन चारों धाम को रेल से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। सर्वेक्षण को कार्य एक साल में पूरा हो जायेगा। चारधाम को रेल के जोड़ने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इस पूरी योजना पर 43 हजार 292 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस परियोजना में कुल 59 पुल और कुल 21 स्टेशन बनाये जायेंगे। बदरीनाथ एवं केदारनाथ में यात्री आरक्षण केन्द्र भी खोले जाने हैं। उत्तराखंड मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि 12 महीने आल वेदर रोड के बाद प्रधानमंत्री ने चार धाम को रेल से जोड़ने की जो पहल की है उससे राज्य के जनता को रोजगार मिलने के साथ साथ नये पर्यटक स्थल भी भारत के मानचित्र में नजर आयेंगे।
Very good discussion with @tsrawatbjp CM Uttarakhand Rawat ji on development of Infra in the state, we are constantly monitoring, follow up
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) May 13, 2017