वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जो आबकारी नीति तैयार की जा रही है उसमें राजस्व वृद्धि पर जोर है। अतः यह मुमकिन है कि अगले माह (मई) से प्रदेश में शराब महंगी हो सकती है। बता दे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में स्थित शराब की दुकानों को बंद कराने से विभाग को राजस्व के मद में भारी नुकसान हो रहा है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा शराब की दुकानों से आने वाला राजस्व बचाने के लिए स्टेट हाईवे को डीनोटिफाई किया था, लेकिन उसका भी कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा है। अब इस स्तिथि में जो दुकानें चल रही हैं उनकी लाइसेंस फीस में वृद्धि की जा सकती है। इस स्थिति में इसका असर शराब की कीमतों पर पड़ना स्वाभाविक है।