अगर आप अपनी सेहत के लिए हैं अत्याधिक सतर्क, तो ये जरूर खाएं ..

 

आपने देखा होगा कि अक्सर लोग अंडे तो खाते हैं लेकिन सिर्फ उसका सफेद भाग खाते हैं और अंडे की पीली ज़र्दी को वो अलग कर देते हैं, यही सलाह वे अपने आस पास भी देते हैं । वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो स्वाद के कारण इसे खाना पसंद नहीं करते। लेकिन असल में, अंडे की पीली ज़र्दी में इतने गुण होते हैं कि अगर आपको उन गुणों की ठीक से जान लें तो आप इस ज़र्दी को ज़रूर खाएंगे। दरअसल, अंडे की ज़र्दी में इसके सफेद भाग से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल और विटामिन होते हैं। एक नज़र डालते हैं इन बातों पर :

अंडे की पीली ज़र्दी खाने से मिलते हैं ये बड़े फायदे:

प्रोटीन से शरीर को लिए बेहतर बनाए – अंडे के सफेद हिस्‍से का प्रोटीन इतना मजबूत नहीं होता जितना उसे पीला हिस्‍सा मजबूत बना देता है। इसके पीले हिस्से में अमीना एसिड की मात्रा ज्‍यादा होती है, जो प्रोटीन को अधिक बायो अवेलबल कर देती है। इसलिए आप जब भी अंडा खाएं, उसकी ज़र्दी को अलग न करें बल्कि उसके साथ ही खाएं।
पोषक तत्वों से भरपूर – अंडे के सफेद में जो पौष्टिक तत्व गैर-मौजूद होते हैं, वो आपको इसकी पीली ज़र्दी से मिलते हैं। जैसे कि अंडे के सफेद हिस्‍से में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है। इसमें नौ प्रतिशत कैल्‍शियम, आयरन, फॉस्‍फोरस, जिंक, थाइमीन, विटामिन बी6 और बी12, फोलिक एसिड और पैंथोथेनिक एसिड भी पाया जाता है। वहीं अंडे की ज़र्दी में घुलनशील विटामिन्‍स जैसे A, D, E और K होता है।

गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाए – जो लोग वज़न घटा रहे होते हैं वो अंडे की ज़र्दी से दूर रहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि अंडे की ज़र्दी कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है। लेकिन असल में बात ये है कि अंडे की ज़र्दी गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है, जिसकी हमारे शरीर को ज़रूरत होती है। साथ ही इससे बैड कॉलेस्ट्रॉल भी घटता है। इसलिए जब अंडा खाएं, तो पूरा खाएं।

जिम करने वालो के लिए – अंडे का पीला भाग यानी उसकी ज़र्दी प्रोटीन से भरी होती है, जो आपको कई बीमारियों से बचाती है। यह आपकी आंखों और बालों के लिये अच्‍छी होती है और साथ ही यह मसल मास भी बढाती है। जो लोग एक्सरसाइज़ करते हैं, जिम जाते हैं उन्हें खासतौर पर पूरा अंडा खाना चाहिए।

ब्लड प्रेशर रखे कंट्रोल में – अगर आप लो ब्‍लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो रोज ज़र्दी समेत अंडा खाइये। इससे आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा। साथ ही, ये ऐनीमिया के मरीज़ों को भी फायदा पहुंचाता है।

 

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