लखनऊ : मुलायम सिंह यादव के परिवार के मतभेद उस समय खुलकर सामने आ गये, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को बर्ख्रास्त कर दिया और उसके बाद अखिलेश यादव को सपा प्रदेश अध्यक्ष का पद खोना पडा।
मुलायम ने अपने भाई और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया लेकिन नाराज मुख्यमंत्री ने अपने चाचा शिवपाल से लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और सहकारी विभाग छीन लिये।
अखिलेश ने शिवपाल के करीबी समझे जाने वाले सिंघल को मुख्य सचिव पद से हटा दिया और प्रमुख सचिव (वित्त) राहुल भटनागर को नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सिंघल को मुख्य सचिव पद से हटा दिया गया है और उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है। राहुल भटनागर को नया मुख्य सचिव बनाया गया है। इस घटनाक्रम की कोई वजह हालांकि नहीं बतायी गयी है लेकिन सपा के कुछ नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री इस बात से खुश नहीं थे कि सिंघल सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह द्वारा दिल्ली में दिये गये रात्रिभोज में शामिल हुए थे। इस रात्रिभोज में अखिलेश शामिल नहीं हुए थे।
मुलायम और सपा के अन्य कुछ शीर्ष नेता हालांकि इस रात्रिभोज में शामिल हुए थे।
अखिलेश और शिवपाल के मतभेद कई मौकों पर सामने आये हैं, जिसमें मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए किसे चुना जाए और किसे ना चुना जाए यह भी शामिल है।
सिंघल इससे पहले प्रमुख सचिव (सिंचाई) रह चुके हैं, जो विभाग शिवपाल के पास था। कुछ ही घंटों में मुलायम ने अखिलेश को सपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया और अपने भाई शिवपाल को यह जिम्मेदारी दे दी।
शिवपाल सिंह यादव को संबोधित एक पत्र में सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आपको उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है। आपसे उम्मीद है कि आप अपनी कडी मेहनत से पार्टी को और मजबूत करेंगे।
इस पत्र की प्रति अखिलेश यादव को भी भेजी गयी है। इस बीच सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने शिवपाल के महत्वपूर्ण मंत्रालयों से उन्हें मुक्त कर दिया। अखिलेश ने लोक निर्माण विभाग अपने पास रखा है। सिंचाई विभाग अवधेश प्रसाद को दे दिया और राजस्व एवं सहकारिता विभाग बलराम यादव को दे दिया है।
शिवपाल के पास इस समय भूमि विकास, जल संसाधन एवं समाज कल्याण विभाग रह गये हैं।