“सौर सखी” नाम से जानी जाएंगी सौर ऊर्जा से जुड़ी महिलाएं, आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम…

देहरादून  : देहरादून में आयोजित मुख्य सेवक संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत, सौर स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों से संवाद कर उनके अनुभवों को जाना गया। लाभार्थियों से प्राप्त सुझाव आगे चलकर इस योजना को और अधिक प्रभावी और जनहितोन्मुखी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इस पहल का उद्देश्य मातृशक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने वाली महिलाओं को “सौर सखी” के नाम से जाना जाएगा। इस नाम के साथ उनकी प्रेरणादायक सफलता की कहानियाँ साझा की जाएंगी, ताकि अन्य महिलाएं भी इस दिशा में प्रोत्साहित हो सकें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में शुरू की गई सौर स्वरोजगार योजना ने प्रदेश के युवा और मातृशक्ति को आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त माध्यम प्रदान किया है। यह योजना न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, बल्कि “विकसित उत्तराखंड, विकसित भारत” के संकल्प को भी साकार कर रही है।

इस पहल से महिलाएं न केवल अपने लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रही हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। सौर ऊर्जा से जुड़ी महिलाओं की इस सफलता को “सौर सखी” के रूप में एक नए पहचान मिल रही है, जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

यह योजना राज्य की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो रही है, और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

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