देहरादून में शुरू हुआ उत्तराखंड वर्चुअल बाजार का उड़ान महोत्सव, महिला सशक्तिकरण को नई उड़ान

देहरादून: उत्तराखंड में महिला उद्यमियों के सबसे बड़े समूह उत्तराखंड वर्चुअल बाजार के वार्षिक महोत्सव ‘उड़ान’ की भव्य शुरुआत देहरादून के लीची बाग में हो चुकी है। इस महोत्सव का उद्देश्य महिला उद्यमियों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को एक साझा मंच प्रदान करना और उनके योगदान को सम्मानित करना है।

कोविड से शुरू हुआ था सफर, आज बना बड़ा नेटवर्क

कोविड महामारी के कठिन दौर में कुछ महिला उद्यमियों ने मिलकर वर्चुअल बाजार की शुरुआत की थी। आज ये पहल करीब 300 महिला उद्यमियों का मजबूत समूह बन चुकी है, जो अपने नेटवर्क के माध्यम से लगभग 3,000 महिलाओं को रोजगार से जोड़ रहा है। उड़ान महोत्सव के तहत आयोजित एग्जीबिशन में 75 से ज्यादा महिला उद्यमियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। इसके साथ ही कई महिला उद्यमी यहां वर्कशॉप के माध्यम से अपने अनुभव और कौशल साझा कर रही हैं, जिससे नई उद्यमी महिलाओं को सीखने का अवसर मिल रहा है।

स्वरोजगार और स्वदेशी को मिल रहा बढ़ावा

विशुद्ध रूप से उत्तराखंड की महिलाओं से जुड़ा यह वर्चुअल बाजार आज महिला स्वरोजगार, आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा है। इस समूह में महिला उद्यमियों के साथ-साथ कारीगर, कलाकार और स्टार्टअप से जुड़ी महिलाएं मिलकर काम कर रही हैं।

समाज के विभिन्न क्षेत्रों की 8 महिलाएं सम्मानित

उड़ान महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर वर्चुअल बाजार के संस्थापकों ने समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली 8 महिलाओं को सम्मानित किया। इनमें राजनीतिक क्षेत्र से सविता कपूर, समाजसेवा में मरीन बाथ, मीडिया से आरजे रजत शक्ति, प्रतिकार क्षेत्र से प्रिया बहल, लेखन में बिजॉया साबियान, परफॉर्मिंग व लिटरेचर आर्ट में ऊषा, युवा महिला उद्यमी शुभा और ज्ञानांदा बालिका स्कूल की फाउंडर प्रिंसिपल मीनाक्षी शामिल हैं।

सातवां एडिशन, ग्रामीण महिलाओं को भी मिल रहा लाभ

उत्तराखंड वर्चुअल बाजार की फाउंडिंग टीम सदस्य और हैप्पी होम्स क्यूरेटेड होम्स डेकोर की संचालक ज्योति सिंह राठौड़ ने बताया कि यह उड़ान फेस्ट का सातवां संस्करण है। उन्होंने कहा कि ‘इंस्पायरिंग वूमेन – सब्सटेंड ऑफ उत्तराखंड’ नाम से आयोजित इस सम्मान समारोह का लाभ केवल उद्यमी महिलाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि देहरादून और आसपास के क्षेत्रों की हथकरघा और हैंडलूम से जुड़ी महिलाओं को भी बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है।

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