देहरादून : 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान शनिवार का दिन उत्तराखंड के लिए एक निराशा भरा रहा, जब महिला और पुरुष बैडमिंटन टीम दोनों ही फाइनल में पहुंचने के बावजूद गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाईं। हालांकि, दोनों टीमों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल पर कब्जा जरूर किया।
बैडमिंटन में फाइनल मुकाबले: शनिवार को सुबह 10:00 बजे से आयोजित बैडमिंटन फाइनल मुकाबलों में उत्तराखंड की पुरुष टीम ने कर्नाटक और महिला टीम ने हरियाणा से सामना किया। पुरुष टीम में केवल चयनित जोशी और ध्रुव रावत की जोड़ी ने डबल्स मैच में जीत दर्ज की। लेकिन जेरॉक्स एंड और ध्रुव नेगी तथा ध्रुव रावत के सिंगल्स मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा, जिसके चलते कर्नाटक ने यह मुकाबला 3-1 से जीत लिया।
वहीं, महिला टीम के फाइनल मुकाबले में उत्तराखंड ने हरियाणा से मुकाबला किया। इस मैच में उत्तराखंड की ओर से सिर्फ अदिति भट्ट ने एक मैच जीता। हालांकि, स्नेहा रजवार, अक्षिता मनराल और डबल्स में गायत्री रावत और मनसा रावत को हार का सामना करना पड़ा। नतीजतन, हरियाणा ने महिला बैडमिंटन टीम को भी 3-1 से मात दी।
कोच धर्मेंद्र कुमार सेन का बयान: उत्तराखंड बैडमिंटन टीम के कोच और प्रसिद्ध खिलाड़ी लक्ष्य सेन के पिता, धर्मेंद्र कुमार सेन ने कहा कि भले ही शनिवार का दिन परिणाम के मामले में अच्छा नहीं रहा, लेकिन यह नेशनल गेम्स उत्तराखंड की बैडमिंटन टीम के लिए ऐतिहासिक था। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की महिला और पुरुष बैडमिंटन टीम ने होम ग्राउंड जैसे प्रदर्शन के साथ फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम दोनों श्रेणियों में अंतिम मुकाबले तक पहुंचे।”
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