देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने अग्निवीर योजना के तहत भर्ती हुए उत्तराखंड मूल के उन अग्निवीरों के पुनर्वास पर विचार करना शुरू कर दिया है, जो रिटायर्ड होकर घर लौटेंगे। प्रदेश सरकार की योजना है कि इन सेवानिवृत्त अग्निवीरों को समूह ग के वर्दीधारी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाए।
इसमें उनके लिए लिखित और मेडिकल टेस्ट अनिवार्य होंगे, लेकिन फिजिकल टेस्ट में उन्हें छूट दी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अनुमान है कि 850 अग्निवीर रिटायर होकर उत्तराखंड लौटेंगे। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय सेना के तीनों अंगों में कुल 26,649 अग्निवीरों की भर्ती की गई थी।
समूह ग के वर्दीधारी पदों पर आरक्षण
इन वर्दीधारी पदों में अग्निवीरों को शामिल किया जा सकता है:
- अग्निशमन व नागरिक पुलिस (कांस्टेबल/उपनिरीक्षक)
- कारागार पुलिस सेवा (बंदी रक्षक)
- वन विभाग (वन रक्षक)
- राजस्व पुलिस (पटवारी)
- आबकारी (पुलिस बल)
- परिवहन विभाग (पर्वतन दल)
स्वरोजगार और कौशल विकास
सरकार ने यह भी योजना बनाई है कि सेवानिवृत्त अग्निवीरों को कौशल विकास और प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इन कार्यक्रमों में प्रदेश के रिटायर्ड अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही आसान शर्तों पर ऋण, अनुदान, उपकरण और तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
शैक्षिक प्रोत्साहन
सरकार अग्निवीरों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी और उन्हें प्रौद्योगिकी, चिकित्सा शिक्षा आदि संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार कर रही है।
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