नई दिल्ली – भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करते हुए 2024 के जनवरी से नवंबर तक 15,547 करोड़ लेन-देन किए गए, जिनकी कुल राशि 223 लाख करोड़ रुपये रही। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि यूपीआई लेन-देन के आंकड़े भारत में वित्तीय लेन-देन पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाते हैं।
वित्त मंत्रालय ने #FinMinYearReview2024 हैशटैग के साथ यूपीआई के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि इसे अब दुनियाभर के देशों में महत्व मिल रहा है। भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से फैल रही है। यूपीआई और रूपे दोनों ही देश से बाहर विस्तार कर रहे हैं, और वर्तमान में यूपीआई सेवा सात देशों में उपलब्ध है। इन देशों में यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस शामिल हैं।
यूपीआई की शुरुआत और इसके फायदे
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा 2016 में लॉन्च किया गया यूपीआई, अब देश में वित्तीय लेन-देन की रीढ़ बन चुका है। यह सिस्टम एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को एकीकृत करके निर्बाध फंड ट्रांसफर, मर्चेंट पेमेंट और पीयर-टू-पीयर ट्रांजैक्शन को सक्षम बनाता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को लचीलापन मिलता है। यूपीआई ने न केवल लेन-देन को तेज, सुरक्षित और सरल बनाया है, बल्कि इसने छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को भी सशक्त किया है। इसके कारण भारत नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
अक्टूबर 2024 में यूपीआई लेन-देन में 45% वृद्धि
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में यूपीआई के जरिए 16.58 अरब रुपये के लेन-देन हुए, जो एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। पिछले साल अक्टूबर 2023 में यह आंकड़ा 11.40 अरब रुपये था, जिससे इस वर्ष 45% की वृद्धि देखी गई है। वर्तमान में यूपीआई के प्लेटफॉर्म से 632 बैंक जुड़े हुए हैं।
फ्रांस में यूपीआई का विस्तार और वैश्विक प्रभाव
फ्रांस में यूपीआई का पहुंचना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूरोप का पहला देश है जहां इसका इस्तेमाल हो रहा है। यह विस्तार भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों को विदेश में रहते हुए या यात्रा करते हुए भी सहजता से भुगतान करने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स देशों में यूपीआई के विस्तार के लिए सक्रिय रूप से पैरवी की है। इसके परिणामस्वरूप, ब्रिक्स समूह में छह नए सदस्य देशों के शामिल होने से यूपीआई का वैश्विक प्रभाव और बढ़ने की संभावना है, जिससे वित्तीय समावेशन में सुधार और भारत के वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में स्थिति को भी बल मिलेगा।
वैश्विक डिजिटल भुगतान में भारत की स्थिति
एसीआई वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत में 2023 तक वैश्विक रीयल-टाइम भुगतान लेन-देन का लगभग 49% हिस्सा है, जो डिजिटल भुगतान नवाचार में भारत की मजबूती को प्रदर्शित करता है।
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