उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश में उप-चुनाव की तैयारियाँ जोर शोर से चल रही हैं, जहां विभिन्न राजनीतिक दल मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपने-अपने नारे पेश कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पहले “बंटेंगे तो कटेंगे” का नारा दिया था, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसका जवाब देते हुए “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” का नारा प्रस्तुत किया है।
लखनऊ में सपा ने इस नए नारे के साथ कई पोस्टर भी लगाए हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले चुनावों में यादव मतदाताओं का समर्थन 24% से घटकर 15% और कोइरी-कुर्मी का 80% से 61% तक पहुंच गया है। वहीं, जाटवों में 17% से 24% का इजाफा देखा गया है।
बीजेपी ने सपा के नए नारे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जो हमेशा विभाजन का प्रयास करते रहे हैं, वे अब एकता की बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर जोड़ना है तो “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र पर चलना होगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी अब उत्तर प्रदेश की सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 13 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है, और सपा ने पहले ही 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
मुख्य बातें:
नारे की जंग: “बंटेंगे तो कटेंगे” बनाम “जुड़ेंगे तो जीतेंगे”
सपा का चुनावी मंसूबा: सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय
मतदाता आंकड़े: यादव और कोइरी-कुर्मी के बीच मत प्रतिशत में गिरावट
इस चुनावी माहौल में देखना दिलचस्प होगा कि कौन-सी पार्टी मतदाताओं को अधिक प्रभावित कर पाती है।
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