बेरोजगार युवाओं का फूटा गुस्सा, देहरादून में आज बड़ा आंदोलन,धारा 163 लागू

देहरादून: उत्तराखंड में बेरोजगारी और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर लगातार सख्त हो रहा युवा वर्ग अब सड़कों पर उतर आया है। आज 22 सितंबर को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने देहरादून में एक बड़े आंदोलन का ऐलान किया है, जिसमें प्रदेशभर के युवाओं को देहरादून पहुंचने की अपील की गई थी।

इस आंदोलन को लेकर देहरादून प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर है। देहरादून के कई संवेदनशील इलाकों में धारा 163 बीएनएसएस लागू कर दी गई है, जिससे किसी भी तरह की भीड़भाड़ या प्रदर्शन को रोका जा सके।

कहां-कहां लगी धारा 163?

एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक जिन इलाकों में यह धारा लागू की गई है, उनमें शामिल हैं:

📍 घंटाघर
📍 चकराता रोड
📍 गांधी पार्क
📍 सचिवालय रोड
📍 न्यू कैंट रोड
📍 सहस्त्रधारा रोड
📍 नेशविला रोड
📍 राजपुर रोड
📍 ईसी रोड
📍 सहारनपुर रोड
📍 परेड ग्राउंड
📍 सर्वे चौक
📍 डीएवी कॉलेज रोड

इन सभी इलाकों में और इनके 500 मीटर के दायरे में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, प्रदर्शन, जुलूस या लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक रहेगी। हथियार, डंडे, या आपत्तिजनक वस्तुएं लेकर चलने पर भी प्रतिबंध रहेगा।

पेपर लीक का मामला बना आंदोलन की वजह

रविवार को हुए यूकेएसएसएससी की परीक्षा के बाद पेपर लीक की खबरें सामने आईं।
बेरोजगार संघ ने दावा किया कि परीक्षा शुरू होने के करीब 30 मिनट बाद ही पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गया था। इसको लेकर कल काफी हंगामा हुआ और संघ ने आज बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया।

बॉबी पंवार, जो बेरोजगार संघ के अध्यक्ष हैं, उन्होंने सरकार से पेपर रद्द करने की मांग की थी। उनका आरोप है कि पेपर लीक के पीछे फिर से नकल माफिया हाकम सिंह जैसे लोगों का हाथ है, और पुलिस इस पर निगरानी नहीं रख पा रही है।

पुलिस-प्रशासन ने क्या कहा?

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने कल देर रात प्रेस वार्ता की और बताया कि शुरुआती जांच में किसी संगठित गिरोह की भूमिका सामने नहीं आई है। लेकिन एक परीक्षा केंद्र से किसी व्यक्ति ने प्रश्न पत्र के कुछ हिस्सों की फोटो निकालकर भेजी थी। पुलिस ने संदिग्धों की पहचान कर ली है और टीमें गिरफ्तारी के लिए रवाना हो गई हैं। यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने भी प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि फिलहाल आयोग पेपर को रद्द नहीं कर रहा है।

युवाओं की नाराजगी बरकरार

बेरोजगार संघ का कहना है कि जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती और पेपर रद्द नहीं किया जाता, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे। देहरादून के कई इलाकों में सुबह से ही युवाओं की आवाजाही बढ़ गई है और सुरक्षा व्यवस्था भी भारी है।

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