संयुक्त राष्ट्र: भारत ने आज पाकिस्तान पर बेहद तीखा हमला बोलते हुए उसे ‘आतंकवादी राष्ट्र’ करार दिया जो आतंकवाद को ‘देश की नीति के औजार’’ के रूप में इस्तेमाल करते हुए ‘युद्ध अपराधों’ को अंजाम दे रहा है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन किया था।
भारत ने शरीफ की ‘बगैर किसी शर्त के गंभीर और दीर्घकालिक द्विपक्षीय वार्ता’ की मांग को कड़े शब्दों में खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान ‘जिसका संचालन ऐसा लगता है कि कोई सरकार नहीं बल्कि युद्ध की मशीन कर रही है’ वह ‘अपने हाथों में बंदूक’’ लेकर बात करना चाहता है।
संरा महासभा सत्र में शरीफ की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने कहा कि वैश्विक मंच पर वानी का महिमामंडन करके उन्होंने पाकिस्तान को ‘दोषी साबित’ कर दिया है। उन्होंने शरीफ की टिप्पणियों को ‘आतंक और धमकी से भरी हुई बताया जिनका तथ्यों से कोई सरोकार नहीं है।’ उन्होंने कहा कि यह ‘स्तब्ध’’ कर देने वाला है कि एक देश का नेता संरा महासभा जैसे मंच पर ‘स्व-घोषित तथा स्व-प्रचारित आतंकवादी का महिमामंडन कर रहा है।’
संरा महासभा की चर्चा में शरीफ के संबोधन पर सवाल पूछे जाने पर यहां भारतीय संवाददाताओं से अकबर ने कहा, ‘उन्होंने आतंकवादी का जिस तरह महिमामंडन किया है उसे हमने सुना है। बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का स्व घोषित आतंकी था। यह संगठन अतंरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी समूह माना जाता हैं। यह तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा अपराध कबूल लेने जैसा हुआ। हमने हाल ही में उनका भाषण सुना है जो पूरी तरह आतंक और धमकी से भरा हुआ था। इसे हम बढ़ती अपरिपक्वता कह सकते हैं जिसका तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं है।’
शरीफ के लगभग बीस मिनट के भाषण का आधा हिस्सा कश्मीर पर आधारित था। इसमें उन्होंने आतंकवादी बुरहान वानी को ‘युवा नेता’ और कश्मीर की आजादी के अभियान का ‘प्रतीक’ बताया था। वानी आठ जुलाई को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। उसकी मौत के बाद घाटी में तनावपूर्ण हालात बन गए थे। भारत के प्रतिक्रिया के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संरा में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव एनाम गंभीर ने जम्मू-कश्मीर पर शरीफ की ‘जहरबुझी’ बातों का मजबूती से खंडन करते हुए कहा, ‘मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे खराब स्वरूप आतंकवाद है। और जब इसका इस्तेमाल देश की नीति के औजार के रूप में होता है तो यह युद्ध अपराध बन जाता है।’
एनाम ने कहा, ‘हम और हमारे पड़ोसी पाकिस्तान की आतंकवाद को प्रायोजित करने की दीर्घकालिक नीति का सामना कर रहे हैं। इसका अंजाम यह हुआ है कि आतंकवाद ने हमारे क्षेत्र से बाहर तक पैर फैला लिए हैं।’ एनाम ने कहा कि भारत पाकिस्तान को ‘आतंकी देश’ मानता है जो अपने पड़ोसियों के खिलाफ छद्म आतंकियों को खड़ा करने के लिए और उन्हें प्रशिक्षण, आर्थिक मदद और समर्थन देने के लिए आतंकी समूहों को अरबों डॉलर उपलब्ध करवाता है। इसमें से ज्यादातर धन अतंरराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाली मदद से आता है।
जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर- रहमान लखवी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संरा द्वारा आतंकी करार दिए गए आतंकी संगठन और उनके नेता पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और देश की मदद से काम भी कर रहे हैं।