रुद्रप्रयाग – रुद्रप्रयाग में फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने वाले दो शिक्षकों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों पर फर्जी डिग्री के माध्यम से नौकरी प्राप्त करने का आरोप साबित होने के बाद अदालत ने उन्हें पांच-पांच साल की कठोर सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया है।
यह मामला वीरेंद्र सिंह और रघुवीर सिंह बुटोला नामक दो शिक्षकों का है, जिन्होंने अपनी बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी हासिल की थी। शिक्षा विभाग की एसआईटी और विभागीय जांच के बाद यह तथ्य सामने आया कि दोनों ने अपने बीएड डिग्री का सत्यापन कराने पर पाया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से इनकी डिग्री जारी नहीं की गई थी।
इस आधार पर शासन ने एसआईटी जांच के बाद इन दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और तत्काल प्रभाव से उन्हें बर्खास्त कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी के न्यायालय ने दोषी करार देते हुए इन दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत पांच साल की कठोर सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। यदि वे जुर्माना अदा नहीं करते, तो उन्हें तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
दोषी शिक्षकों को अब जिला कारागार पुरसाड़ी (चमोली) भेज दिया गया है। इस आदेश की प्रतिलिपि शिक्षा निदेशालय को भी भेजी गई है, ताकि गैर-जिम्मेदार शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सके।
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