रुद्रप्रयाग/ऊखीमठ – भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ की चल उत्सव डोली आज मंगलवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी। इसके बाद से अगले छह महीने तक बाबा केदार के भक्त अपने आराध्य के दर्शन और पूजा-अर्चना इसी स्थान पर करेंगे।
रामपुर से गुप्तकाशी तक की यात्रा पूरी, भक्तों ने लिया आशीर्वाद
सोमवार को बाबा केदार की चल उत्सव डोली रामपुर से दूसरे पड़ाव श्रीविश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी पहुंची। गुप्तकाशी में सैकड़ों भक्तों ने बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। सुबह 7 बजे रामपुर में मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने भगवान केदारनाथ का अभिषेक कर आरती उतारी। इसके बाद सेना की बैंड धुनों और भक्तों के जयकारों के बीच बाबा केदार की चल उत्सव डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान किया।
डोली का यात्रा मार्ग
डोली ने बडासू, फाटा, खड़िया, मैखंडा, ब्यूंग, खुमेरा होते हुए दोपहर में बगड्वाल धार पहुंची। यहां पर नारायणकोटी और कोठेड़ा के ग्रामीणों ने बाबा की डोली की भव्य अगवानी की और भक्तों ने श्रद्धा भाव से डोली का स्वागत किया। इसके बाद डोली नारायणकोटी होते हुए शाम 5.30 बजे श्रीविश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी पहुंची। यहां मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली को विराजमान किया गया।
ओंकारेश्वर मंदिर को सजाया गया फूलों से
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि बाबा केदार के आगमन के लिए ओंकारेश्वर मंदिर को फूल-मालाओं से सजाया गया है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर केदारनाथ मंदिर प्रभारी यदुवीर पुष्पवाण, प्रबंधक भगवती प्रसाद सेमवाल, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, पुजारी शिव लिंग, और कुलदीप धरम्वाण उपस्थित थे।
बाबा केदार की यात्रा के इस महत्वपूर्ण क्षण को लेकर भक्तों में श्रद्धा और उल्लास का वातावरण बना हुआ है। अब ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार के दर्शन और पूजा-अर्चना का सिलसिला अगले छह महीने तक जारी रहेगा।
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