देहरादून – चारधाम यात्रा पर आने वाले वीआईपी अतिथियों से अब दर्शन करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने 2023 में वीआईपी दर्शन पर 300 रुपये शुल्क लागू किया था, जिससे बीकेटीसी को लाखों रुपये की आय हुई थी।
बीकेटीसी ने तिरुपति बालाजी, श्री वैष्णो देवी, महाकालेश्वर और सोमनाथ मंदिरों में दर्शन व्यवस्था का अध्ययन करने के बाद बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन पर शुल्क लगाने का निर्णय लिया था। इससे बीकेटीसी को करीब डेढ़ करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी।
हालांकि, अब प्रदेश सरकार इस व्यवस्था को खत्म करने जा रही है। 5 फरवरी को ऋषिकेश में आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वीआईपी दर्शन शुल्क समाप्त कर दिया जाएगा।
बीकेटीसी सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष धाम में पेटीएम के जरिए चंदा एकत्रित करने के साथ-साथ वीआईपी अतिथियों से प्राप्त शुल्क पर सवाल उठे थे। बीकेटीसी ने बताया कि बड़ी संख्या में वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, और उन पर शुल्क का हिसाब रखना कठिन हो रहा है। इसके अतिरिक्त, धाम में सभी श्रद्धालुओं को समान रूप से देखा जाता है।
मुख्यमंत्री करेंगे चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा
30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा 10 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। इस बैठक में यात्रा से जुड़े विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में यात्रा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
पंजीकरण की प्रक्रिया होली के बाद शुरू हो सकती है
आगामी चारधाम यात्रा के लिए पर्यटन विभाग होली के बाद तीर्थयात्रियों का पंजीकरण शुरू करने पर विचार कर रहा है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। इस बार पंजीकरण के लिए आधार नंबर अनिवार्य करने का प्रयास किया जा रहा है, और इसके लिए पोर्टल को अपडेट किया जा रहा है।
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