
दिल्ली : उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को हाल ही में कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। लेकिन अब ये मामला ना केवल प्रदेश में बल्कि देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। जिसके बाद से अब देहरादून से लेकर दिल्ली तक मामले को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
दिल्ली तक पहुंचा वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को नोटिस मामला
बीते दो दिनों से उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को सिडकुल द्वारा कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद हर ओर इसकी चर्चा हो रही है। पत्रकारों से लेकर समाजसेवी तक अजीत राठी के समर्थन में उतर गए हैं। वहीं अब विपक्ष भी इसे लेकर आवाज उठा रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के समर्थन के बाद अब इस मामले की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनके पोस्ट के बाद से दिल्ली में सत्ता के गलियारों में भी इसकी चर्चा हो रही है। उनके एक पोस्ट से उत्तराखंड से उठी चिंगारी आग बनकर देश भर में फैल रही है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कही बड़ी बात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर अपनी पोस्ट में लिखा है कि “एक बार फिर बीजेपी ने राज्य का भविष्य कॉरपोरेट मुनाफ़े के लिए गिरवी रख दिया गया। विडंबना ये है कि जवाबदेही तय करने के बजाय मुख्यमंत्री धामी की सरकार डराने-धमकाने पर उतर आई है।
इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे अपनी रिपोर्ट वापस लेने और लिखित माफ़ी मांगने की मांग की गई है। जनसंपत्ति की इस निर्लज्ज लूट और सच्चाई को कुचलने की कोशिश ने बीजेपी का असली चेहरा उजागर कर दिया है — एक ऐसा चेहरा जो भ्रष्ट, आपराधिक और युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह बेपरवाह है।”
मामले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश
वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को नोटिस भेजने को लेकर लोगों भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। पत्रकारों के साथ ही समाजसेवी इस मामले को लेकर अपनी राय सामने रख रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक पत्रकार को इस तरीके से सिडकुल द्वारा नोटिस भेजनवा सरासर गलत है।
लोग सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि उत्तरकाशी में भाई राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत के बाद अब उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को सच्ची पत्रकारिता करने के जुर्म में उत्तराखंड सरकार नोटिस भेज रही है। सच्ची पत्रकारिता करने का उन्हें ये इनाम दिया जा रहा है।